आज का काम कल पर मत छोड़ो हिंदी निबंध | AAJ KA KAM KAL PAR MAT CHODO ESSAY IN HINDI

 

आज का काम कल पर मत छोड़ो हिंदी निबंध | AAJ KA KAM KAL PAR MAT CHODO ESSAY IN HINDI

 नमस्कार  दोस्तों आज हम आज का काम कल पर मत छोड़ो इस विषय पर हिंदी निबंध जानेंगे। “स्थगन," विलियम शेक्सपियर ने कहा था, "समय का चोर है।" हमारे धर्म ग्रंथों में भी हमें यह उपदेश दिया गया है कि जो कुछ हमें तत्काल करना है उसे बिना समय गँवाये उसी समय करो। 


किसी कार्य को स्थगित करने का अर्थ है उस कार्य के प्रयोजन का हनन अथवा उससे प्राप्त होने वाले परिणामों में विलम्ब करना या उन्हें कमजोर कर देना। पुरानी कहावत को याद रखों कि “एक कील के अभाव में एक साम्राज्य का पतन हो गया।" 


ऐसा कहा जाता है कि युद्ध के समय में एक सन्देश ले जाने वाला घुड़सवार लापरवाह था। उसे पता था कि घोड़े के खुर से एक कील गिर गयी है। चाहिए यह था कि वह अपनी यात्रा को तत्काल मध्य में ही रोक कर कील को ठीक प्रकार से लगवा लेता। 


परन्तु इसके विपरीत उसने अपनी यात्रा को जारी रखना ही ठीक समझा क्योंकि उसका विचार था कि एक कील के न होने से घोड़े की गति में कोई अन्तर नहीं पड़ेगा। घोड़ा कुछ समय तक तो दौड़ता रहा, फिर पीड़ा के कारण रुक गया। एक और कील भी गिर गयी परन्तु घुड़सवार ने फिर भी कोई परवाह न की। 


वह घोड़े को दौड़ाता रहा। कुछ देर बाद घोड़ा गिर गया क्योंकि वह लंगड़ा हो गया था। वह खड़ा होकर आगे भागने में असमर्थ था। सन्देश उस जनरल तक नहीं पहुँचाया जा सका, जिस सन्देश में कहा गया था कि युद्ध के मोर्चे पर और सैनिक भेजें। परिणाम यह हुआ कि सेना हार गयी। 


सारे साम्राज्य का ही पतन हो गया क्योंकि घुड़सवार ने अपनी यात्रा आगे जारी रखने से पहले घोड़े के खुर में कील लगवा लेने का कार्य तुरन्त नहीं किया था। अतः हमें अपने निर्धारित कार्यों को कभी स्थगित नहीं करना चाहिए। विलम्ब अथवा स्थगन के परिणाम विनाशकारी हो सकते हैं।


अर्ल ऑफ चेस्टरफील्ड ने एक पत्र में अपने पुत्र को लिखा था कोई आलस्य नहीं, कोई शिथिलता नहीं, कोई स्थगन नहीं, जो काम तुम आज कर सकते हो उसे कल के लिए मत छोड़ो। इसी विचार को पन्द्रहवीं शताब्दी में महान् विचारक कबीर ने भी बहुत प्रभावशली ढंग से अपनी साखी में व्यक्त किया है।


यह बात विशेष रूप से विद्यार्थियों पर लागू होती है। उन्हें अपने किसी दिन की पढ़ाई को अगले दिन अथवा किसी अन्य समय पर नहीं टाल देना चाहिए। इस प्रकार काम इतना अधिक जमा हो जाएगा कि इसके करने के विचारमात्र से आपको भय लगने लगेगा जिसका परिणाम यह होगा कि परीक्षाओं के समय तैयारी पूरी तरह से नहीं होगी। 


आज के विद्यार्थियों के लिए यह घातक है। वह परीक्षा के लिए अपनी तैयारी को अन्तिम दिनों तक स्थगित करते रहते हैं। परिणामस्वरूप परीक्षा में वे पिछड़ जाते हैं। जो नियमित रूप से कार्य करते हैं और अपने निर्धारित कार्य को स्थगित नहीं करते वे किसी भी परीक्षा में विशिष्टता के साथ उत्तीर्ण होते हैं।


इस बात को जीवन के सभी क्षेत्रों की गतिविधियों और व्यक्तियों पर भी लागू किया जा सकता है। चाहे दफ्तर का बाबू हो या उसका अधिकारी, कोई प्रशासक हो अथवा उसका अधीनस्थ कर्मचारी, या देश का सबसे बड़ा अथवा सबसे छोटा व्यक्ति । 


उन सबको इस सिद्धांत वाक्य को सदा याद रखना चाहिए कि “आज का काम कल पर कभी न छोड़ो।" यदि हम सभी इसका ध्यान रखें तो कभी भी विलम्ब अथवा रुकावटें नहीं आएँगी, तथा हमारे साथियों को दफ्तरों की लालफीता शाही और कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ेगा। 


परन्तु दुर्भाग्यवश अधिकांश लोग आस्कर वाइल्ड के इस कथन से सहमत हैं कि “जो कार्य तुम एक दिन बाद कर सकते हो उसे कल पर छोड़ दो।"दोस्तों ये निबंध आपको कैसा लगा ये कमेंट करके जरूर बताइए ।