आज का विद्यार्थी पर निबंध | Aaj Ka Vidyarthi Essay In Hindi
नमस्कार दोस्तों आज हम आज का विद्यार्थी इस विषय पर निबंध जानेंगे। समय का परिवर्तन सबको बदल देता है। समय के अनुसार शिक्षण का स्वरूप बदलता है और उसके अनुसार विद्यार्थी भी बदलता है। यह परिवर्तन का ही प्रताप है कि पुराने गुरुकुल का शिष्य आज इक्कीसवीं सदी का तेज-तर्रार विद्यार्थी बन गया है।
आज के कम्प्यूटर युग का विद्यार्थी चालीस-पचास साल पहले के विद्यार्थी से बहुत अलग है। तब अभिभावक ही विद्यार्थी के भाग्य का फैसला करते थे, परंतु आज का विद्यार्थी अपने जीवन की दिशा स्वयं निश्चित करता है। वह अपनी रुचि के अनुसार विषय पसंद करता है।
वह अपने लक्ष्य के बारे में सावधान है। अपना मनपसंद पाठ्यक्रम अपनाकर वह उसमें सफल होने के लिए जी-जान से जुट जाता है।आज के विद्यार्थी के हृदय में कई महत्त्वाकांक्षाएँ लहराती हैं। वह एक अच्छा जीवन जीने का सपना देखता है।
इस प्रगतिशील दुनिया में वह पीछे नहीं रहना चाहता। वह धन के महत्त्व को समझता है। उसे पता है कि आज अच्छी नौकरी या अच्छे व्यवसाय के बिना अच्छे जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। इस सत्य के प्रकाश में ही वह अपनी पढ़ाई करता है। अपना लक्ष्य पाने के लिए वह दिन-रात एक करने के लिए तैयार रहता है।
आज का विद्यार्थी किताबी कीड़ा नहीं है। पढ़ाई के साथ-साथ वह राजनीति में भी दिलचस्पी लेता है। वह यहाँ के नेताओं के चरित्र और उनके कार्यों के बारे में भी जानता है। चुनाव के समय वह अपनी मनपसंद राजनीतिक पार्टी की सहायता करता है।
अठारह वर्ष से अधिक आयु का विद्यार्थी तो मतदान में भी भाग लेता है। इस अधिकार के जरिये वह शासन में उलट-फेर कर सकता है। राजनीतिक दलों की युवा शाखाओं में प्राय: विद्यार्थी ही होते हैं। आज के विश्वविद्यालय तो छात्र-राजनीति के गढ़ बन गए हैं।
आज का विद्यार्थी मनोरंजन के वैज्ञानिक साधनों का भी आनंद लेता है। वह फिल्में और दूरदर्शन के धारावाहिक देखता है। वह गानों के कैसेटों के संग्रह का शौकीन होता है। कुछ विद्यार्थी तो बाल-कलाकार के रूप में फिल्मों और धारावाहिकों में काम भी करते हैं।
खेल-जगत के सितारे भी आज के विद्यार्थियों को प्रिय हैं। विद्यार्थी-जीवन में अच्छा खेलनेवाले ही बाद में राष्ट्रीय टीमों में खिलाड़ी बनते हैं। आधुनिकता का नशा आज के विद्यार्थियों को गुमराह भी कर सकता है। कुसंगति में पड़कर कई विद्यार्थी धूम्रपान और मद्यपान करने लगते हैं। इतना ही नहीं, वे कोकीन, हशीश, गर्द जैसे नशीले द्रव्यों के आदी बन जाते हैं।
मादक पदार्थों की यह लत उन्हें असामाजिक प्रवृत्तियों में ले जाती है। ऐसे विद्यार्थी आगे चलकर अपराध की दुनिया में पहुँच जाते हैं। कुछ भी हो, आज का विद्यार्थी बड़ा चतुर, जागरूक एवं लक्ष्यनिष्ठ है। उचित यही है कि उसे उसकी योग्यता के अनुसार आगे बढ़ने और अपनी विद्या का सदुपयोग करने का अवसर मिले। ऐसा वातावरण बने कि आज का विद्यार्थी कल अपनी मातृभूमि का सपूत कहलाने योग्य बन सके ! दोस्तों ये निबंध आपको कैसा लगा ये कमेंट करके जरूर बताइए ।