आज की बचत, कल का सुख पर हिंदी निबन्ध | Aaj ki bachat kal ka sukh par hindi nibandh

 

आज की बचत, कल का सुख पर हिंदी निबन्ध | Aaj ki bachat kal ka sukh par hindi nibandh


नमस्कार  दोस्तों आज हम  आज की बचत, कल का सुख इस विषय पर निबंध जानेंगे। यह कथन सत्य है कि समय अनिश्चित है। इसके विषय में कोई नहीं जानता कि जीवन में कब क्या घटना घट जाए। आने वाले समय में अच्छा-बुरा कुछ भी घट सकता है। 


हम इससे सदा ही अनभिज्ञ रहते हैं। ऐसे अनिश्चित समय का सामना करने के लिए कुछ धन अवश्य होना चाहिए। यदि हमारे पास संचित धन है तो हम आने वाली सभी विपत्तियों का सामना कर सकते हैं। हमें कभी किसी अन्य के सहारे नहीं रहना चाहिए। 


यह कटु सत्य है कि कोई भी व्यक्ति दूसरों के सहारे अपना जीवन यापन न तो कल कर सका है औन न ही भविष्य में कर पाएगा।


उन आकस्मिकताओं का सामना करने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को अधिक संचित धन की आवश्यकता होती है। अत: उसे प्रतिदिन अधिक-से-अधिक बचत करनी चाहिए, इसी में उसकी भलाई है। कल का किया हआ संचित धन उसके आज के लिए सुखदायी है तथा आज की गई एक-एक पैसे की बचत कल का अनन्त सुख सिद्ध हो सकती है। 


धन की कमी से सुखपूर्वक तो क्या सामान्य जीवन जीना भी दूभर हो जाता है। मनुष्य के जीवन में सदा से ही धन की आवश्यकता बनी रही है। धन की उस आवश्यकता को पूरा करने के लिए उसका संचित किया जाना अर्थात् बचत करना नितान्त आवश्यक है।


अतः हमें अपने सभी आय के स्रोतों से नित्य प्रति कुछ-न-कुछ बचत अवश्य करते रहना चाहिए। बचत इस प्रकार होनी चाहिए जिससे आज और आने वाली कल में सन्तुलन बनाए रखा जा सके। दोस्तों ये निबंध आपको कैसा लगा ये कमेंट करके जरूर बताइए ।