आँखों देखी दुर्घटना हिंदी निबंध Accident I Saw Essay in Hindi
नमस्कार दोस्तों आज हम आँखों देखी दुर्घटना इस विषय पर हिंदी निबंध जानेंगे। मार्च महीने के एक दिन की घटना है। सुबह का समय था। लोग अपने-अपने काम में लगे हुए थे। इतने में अचानक आग... आग... दौड़ो...दौड़ो... बचाओ... बचाओ' की जोर-जोर से चिल्लाने की आवाजें सुनाई पड़ीं। मैंने खिड़की से झाँककर देखा।
सामनेवाले मकान में आग लगी हुई थी। ऊँची-ऊँची लपटें उठ रही थीं। लपटें देखकर दिल काँप उठा। हवा तेज थी, इसलिए आग और जोर पकड़ती जा रही थी। खबर फैलते ही आसपास के लोग आग बुझाने दौड़ पड़े। कोई बाल्टी से पानी फेंक रहा था तो कोई रेत से आग बुझाने की भरसक कोशिश कर रहा था।
अब पुलिस भी आ चुकी थी। पुलिस ने लोगों की भीड़ को दूर हटा दिया। इतने में ‘टन-टन-टन' की आवाज करते हुए कई दमकल वहाँ आ पहुँचे। दमकलवालों ने जल्दी ही अपना काम शुरू कर दिया। उन्होंने भड़कती आग पर तेज धारवाली पाइप से पानी छोड़ना शुरू कर दिया।
फायरब्रिगेड के कुछ जवान दमकल की सीढ़ियों के सहारे जलते हुए मकान में घुस गए। वे तुरंत दो बच्चों और एक बेहोश महिला को मकान से बाहर ले आए। दमकलवालों ने मकान में फँसे और भी कई लोगों को सकुशल बचा लिया।
कुछ लोग आग से बुरी तरह झुलस गए थे। उन्हें तुरंत अस्पताल भिजवाना जरूरी था। एम्बुलेंस द्वारा उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया। सौभाग्य से दमकलवालों ने सभी लोगों को मकान से बाहर निकाल लिया था। इसलिए जान की कोई हानि नहीं हुई। मगर लाखों की संपत्ति जलकर राख हो गई।
दुर्घटनाग्रस्त मकान में रहनेवाले लोगों के दिल बैठ गए थे। वे बाहर खड़े दुखी मन से अपने घरों की ओर ताक रहे थे। वे अपने भाग्य को कोस रहे थे। वे सोच रहे थे कि अब उनका क्या होगा? वे फिर कैसे बसा पाएँगे अपनी गृहस्थी?
दमकलवालों ने पूरे दो घंटे की मेहनत के बाद आग पर काबू पा लिया। अब आग पूरी तरह बुझ चुकी थी। बाद में पता चला कि बिजली की खराबी के कारण मकान में आग लगी थी। इस दुर्घटना को देखकर मेरा हृदय गमगीन हो गया था।
इस दुर्घटना को हुए दो महीने बीत चुके हैं। पर धू-धू करती लपटों का वह भयावह दृश्य आज भी मेरी आँखों के सामने घूमता रहता है। दोस्तों ये निबंध आपको कैसा लगा ये कमेंट करके जरूर बताइए ।