अध्ययन का आनंद पर निबंध adhyayan ka anand essay in hindi
नमस्कार दोस्तों आज हम अध्ययन का आनंद इस विषय पर निबंध जानेंगे। मनुष्य के सभी प्रयासों या चेष्टाओं का एक ही लक्ष्य है-आनन्द की प्राप्ति। श्रमिक हो या उद्योग पति, स्त्री हो या पुरुष, गृहस्थ हो या सन्यासी, कृषक हो या जमींदार सभी के प्रयत्न सुख प्राप्त करने के लिए हैं।
वह दिन-रात परिश्रम करके सुख तथा आनन्द पूर्वक जीवन व्यतीत करना चाहता है। आनन्द प्राप्ति के अनेक साधन हैं-चलचित्र, रेडियो, दूरदर्शन, विभिन्न प्रकार के खेल आदि। आनन्द प्राप्ति का एक महत्त्वपूर्ण साधन है-स्वाध्याय अथवा पुस्तकों का अध्ययन।
अध्ययन द्वारा अपने ही प्रयत्नों से अपने को सुधारा तथा सुसंस्कृत बनाया जा सकता है। संसार के प्रतिभावान तथा विद्वान व्यक्तियों ने मनुष्य जाति के सुख और कल्याण के लिए जो नियम बनाए हैं, उन्हें हम केवल स्वाध्याय द्वारा ही जान पाते हैं।
अनपढ़ व्यक्ति शताब्दियों से संचित ज्ञान भण्डार से बिल्कुल अनभिज्ञ रहता है। अध्ययन से हम बड़े-बड़े महापुरुषों तथा विद्वानों के गहन तथा गंभीर विषय को जानकर उसका तथा उनकी सत्संगति का आनन्द प्राप्त कर सकते हैं। अध्ययन मनुष्य के मस्तिष्क का भोजन है। वह इसको ग्रहण करने के बाद आनन्द का अनुभव करता है।
मन के विकारों को अध्ययन द्वारा दूर किया जा सकता है। अध्ययन का आधार है-सत्साहित्य। सत्साहित्य द्वारा चरित्र का निर्माण होता है। अनेक ऐसे साहित्य हैं जैसे राम-चरित मानस, विनय पत्रिका, सूर सागर, प्रेमचन्द जी के उपन्यास आदि जिनसे ऐसे रस की निष्पत्ति होती है, जो हमें आनन्द प्रदान करता है।
अध्ययन का आनन्द बड़ा ही विचित्र होता है। आनन्द रस के कई ऐसे भोगी होते हैं जो एक बार किसी पुस्तक को पकड़ लेते हैं तो फिर उसे समाप्त करके ही छोड़ते हैं। अत: अध्ययन के आनन्द की कोई सीमा नहीं है। दोस्तों ये निबंध आपको कैसा लगा ये कमेंट करके जरूर बताइए ।