देश प्रेम पर निबंध | Desh Prem Essay in Hindi
नमस्कार दोस्तों आज हम देश प्रेम इस विषय पर हिंदी निबंध जानेंगे। अपना देश अपना ही होता है। कोई देश कितना ही सुंदर और समृद्ध क्यों न हो, वह अपने देश की बराबरी नहीं कर सकता। बच्चे का जैसा लगाव अपनी माँ से होता है, वैसा ही व्यक्ति को अपने देश से होता है।
देशप्रेम का अर्थ है अपने देश की प्रकृति और उसकी श्रेष्ठ परंपराओं से प्रेम। जिसे अपने देश से प्रेम है, उसे वहाँ के पर्वतों और नदियों से लगाव होता है। अपने देश के वन उसके लिए नंदनवन होते हैं। वह अपने देश के महापुरुषों का आदर करता है और उनके आदर्शों को सच्चे दिल से अपनाता है।
देशप्रेमी व्यक्ति अपने देश के बुरे रीति-रिवाजों और अंधविश्वासों का विरोध करता है। वह चाहता है कि उसके देशवासी खुले दिल-दिमाग के हों। वे स्वाभिमानी और प्रगतिशील हों। वे मिल-जुलकर रहें और सुखी-समृद्ध बनें।
अपने देश से प्रेम करने वाला व्यक्ति देश पर कोई संकट आने पर चुपचाप बैठ नहीं सकता। वह बाढ़, अकाल, भूकंप आदि से पीड़ित देशवासियों की तन-मन-धन से सहायता करता है। देश की रक्षा और सम्मान के लिए वह अपने प्राण तक न्योछावर करने के लिए तैयार रहता है।
सुभाषचंद्र बोस को अपने देश से प्रेम था। इसीलिए उसे आजाद कराने के लिए उन्होंने आजाद हिंद फौज खड़ी की थी। देशप्रेम के कारण ही सरदार भगतसिंह ने हँसते-हँसते फाँसी का फंदा गले में डाल लिया था। देशप्रेम की प्रबल भावना होने के कारण ही गाँधी जी ने देश की स्वतंत्रता के लिए अपना सारा जीवन समर्पित कर दिया था।
सचमुच जो देश से प्रेम करता है, देश उससे प्रेम करता है। इसलिए तो हम अपने यहाँ के देशभक्तों की जयंतियाँ मनाते हैं और उनके गुण गाते हैं। दोस्तों ये निबंध आपको कैसा लगा ये कमेंट करके जरूर बताइए ।