दूरदर्शन से लाभ हानि हिंदी निबंध | Doordarshan se labh aur hani hindi Nibandh
नमस्कार दोस्तों आज हम दूरदर्शन से लाभ हानि इस विषय पर निबंध जानेंगे। इस लेख मे कुल २ निबंध दिये गये हे जिन्हे आप एक -एक करके पढ सकते हे ।विज्ञान के एक से बढकर एक आविष्कार आज दुनिया के सामने हैं। इन आविष्कारों ने लोगों को अनेक सुख-सुविधाएँ दी हैं। इससे सामान्य जनता का जीवनस्तर बढ़ गया है।
विज्ञान के इन महत्त्वपूर्ण आविष्कारों में एक है- दूरदर्शन।दूरदर्शन वैज्ञानिक प्रगति का श्रेष्ठ वरदान है। जनसंचार के साधनों में दूरदर्शन आज सर्वाधिक लोकप्रिय माध्यम है। दृक् और श्राव्य दोनों दृष्टी से दूरदर्शन अधिक उपयोगी है। (डिओ केवल श्राव्य माध्यम होने के कारण कुछ मर्यादाएँ आ सकती हैं।
दूरदर्शन से अनेक लाभ हैं। दूरदर्शन के माध्यम से कोई भी दर्शनीय घटना, वस्तु या दृश्य सीधे हमारे घर में पहुँच जाते हैं। प्रचार, जनसंपर्क, शिक्षा, मनोरंजन तथा जनजागरण का यह बहुत ही कारगर और प्रभावी साधन रहा है। इसी कारण दूरदर्शन आज घर-घर में पहुँच गया है।
मनोरंजन के क्षेत्र में तो दूरदर्शन ने अपना अलग स्थान कायम रखा हैं। गीत-संगीत, चलचित्र, नाटक, नृत्य, साहित्य, खेल-कूद आदि के माध्यम से मनोरंजन के अनेक प्रकार दूरदर्शन पर देख सकते हैं। प्रबोधन तथा ज्ञानप्रसार के साथ-साथ मनोरंजन के लिए यह एक प्रभावी माध्यम के रूप में कार्य कर रहा है।
मनोरंजन के साथ शिक्षा की दृष्टि से भी दूरदर्शन अपनी अहम भूमिका निभा रहा है। दृक् और श्राव्य की विशेषता के कारण यह शिक्षा का प्रभावी माध्यम सिद्ध हुआ है। शिक्षा के साथ-साथ कृषि, सामाजिक जीवन, आरोग्य तथा चिकित्साविषयक महत्त्वपूर्ण जानकारी भी दूरदर्शन पर प्रसारित की जाती है।
देश-विदेश की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ समाचारों के जरिए हम घर बैठे दूरदर्शन पर देख-सुन सकते हैं। समाचारों के साथ-साथ देश की वर्तमान समस्याओं की जानकारी दूरदर्शन के जरिए प्राप्त होती है। इससे देश के विकास कार्य में आम जनता का सहयोग मिल सकता है।
दूरदर्शन के इन तमाम लाभों के बावजूद कुछ हानियाँ भी हो सकती हैं। इससे कुछ नुकसान भी उठाने पड़ रहे हैं। दूरदर्शन संच के सामने देर तक बैठे रहने की आदत ने मनुष्य को आलसी बना दिया है। आँखों की बीमारियाँ भी बढ रही है।
आजकल छोटे बच्चे, स्कूली छात्र दूरदर्शन के सामने घंटों बैठे रहते हैं। पढाई का कुछ खयाल ही नहीं करते। छोटे-छोटे बच्चों पर दूरदर्शन के कुछ कार्यक्रमों का बुरा असर पड़ा रहा है। उनकी आदतें बिगड रही है। दूरदर्शन संच के सामने लगातार बैठे रहना समय का दुरुपयोग है।
इससे अन्य महत्त्वपूर्ण कार्यों में निष्क्रियता बढ रही हैं।इन बुराइयों से हम अगर बच सकें तो दूरदर्शन वैज्ञानिक प्रगति का एक श्रेष्ठ वरदान साबित होगा। दोस्तों ये निबंध आपको कैसा लगा ये कमेंट करके जरूर बताइए ।और आगे दिया हुआ दूसरा निबंध पढ़ना मत भूलियेगा धन्यवाद ।
निबंध 2