सर्कस पर हिंदी निबंध Essay on Circus in Hindi Essay

 

सर्कस पर हिंदी निबंध  Essay on Circus in Hindi 

नमस्कार  दोस्तों आज हम सर्कस इस विषय पर हिंदी निबंध जानेंगे। गत महीने हमारे शहर में अपोलो सर्कस आया। सर्कस के मालिक ने परेड ग्राउण्ड में जमीन किराये पर ली थी। वहाँ उसने एक वृत्ताकार विशाल तम्बू लगाया था। 


मेरा एक मित्र मुझे एक रात सर्कस ले गया। उसने दो द्वितीय श्रेणी के टिकट लिये और हम अन्दर गये। सर्कस का तम्बू भव्य रूप से बिजली की रोशनी से प्रदीप्त था। बाहर एक बैण्ड आने वालों को आकर्षित कर रहा था। एक खाली जगह के चारों ओर सीटें एक वृहत वृत में व्यवस्थित थीं। 


सर्कस देखने आये मर्दो, औरतों, लड़कों, लड़कियों की वहाँ बहुत बड़ी भीड़ थी। हम दूसरी पंक्ति में दो कुर्सियों पर बैठ गए। ठीक शाम के सात बजे घण्टी बजी और तरुण युवतियों के नृत्य के साथ कार्यक्रम आरम्भ हो गया। कार्यक्रम के पूरे समय में बैण्ड बजता रहा।


फिर तीन युवतियाँ आईं जिन्होंने अपने कसरती करतबों से दर्शकों को आश्चर्यचकित कर दिया। वे सभी कोणों तथा सभी दिशाओं में अपना शरीर मोड़ लेती थीं, अपनी पीठ पीछे की ओर मोड़कर सिर पाँवों के बीच ले आती थीं।


अब चार कसरतबाज आये जिन्होंने क्षैतिज दण्ड पर आश्चर्यजनक करतब दिखाए। वे एक दण्ड से दूसरे दण्ड पर बहुत तेजी से कूदते थे और दण्ड के चारों ओर बहुत निपुणता से झूलते थे। कभी-कभी वे पहले दण्ड पर सीधा छलाँग लगाते थे। 


फिर कलाबाज और रस्सी पर नृत्य करने वाले आये। एक नौजवान व्यक्ति ऊपर रस्सी पर हवा में नृत्य करते हुए अपना सन्तुलन बनाए हुए था। उसके पीछे एक दुबली लड़की थी। वह रस्सी के एक छोर से दूसरे छोर की ओर एक छाता लेकर चल रही थी।


पूरे समय एक विदूषक, जिसने अपना चेहरा रंग रखा था, हास्य पैदा कर रहा था। वह . इतना मजेदार था कि हम ठहाका लगाते रहे। फिर छः घोड़े आये। उनकी पीठ पर छः व्यक्ति थे, जो चटकीले वस्त्र पहने हुए थे। बैंड ने एक नृत्य की धुन बजाई। 


घोड़े बैंड की धुन पर चारों ओर सरपट दौड़ने लगे। घोड़ों के सरपट दौड़ते ही घुड़सवार एक घोड़े से दूसरे पर छलाँग लगाने लगे और हवा में कलाबाजियाँ करने लगे। फिर घुड़सवार घोड़ों की पीठ पर खड़े हो जाते थे और उसके बाद वे पुनः वृत्त में कलाबाजी करने लगे। यह दृश्य वास्तव में आश्चर्यजनक था, जिसे बहुत शाबासी मिली।


फिर तीन हाथियों को अन्दर लाया गया। उन्होंने अनोखा करतब दिखया। वे लकड़ी के एक लट्ठे को आगे-पीछे लुढ़का रहे थे। फिर वे अपने पिछले पैरों पर खड़े होकर नृत्य करने लगे। इसके बाद उनमें से एक ने एक टब में बैठकर अखबार पढ़ना शुरू कर दिया। एक अन्य हाथी साइकिल चलाने लगा।


फिर एक करतब दिखाने वाला कुत्ता आया। उसने आश्चर्यजनक काम किया। यह एक ऊँची सीढ़ी पर चढ़ गया और वहाँ से उसने सीढ़ी के नीचे रखे पानी से भरे टब में छलाँग लगाई। फिर वह एक गाड़ी चलाने लगा। इसके बाद उसकी आँखों पर एक पट्टी बाँध दी गई और एक टोपी के बक्से में छुपे रुमाल को खोजने को कहा गया। उसने रुमाल को खोजने में सफलता प्राप्त कर ली। 


कुत्ते के रंगभूमि छोड़ते ही तालियाँ बजने लगीं।सबसे अन्त में तीन सिंहों के साथ उनके प्रशिक्षक ने प्रवेश किया। उसके हाथ में एक चाबुक था। सिंह अपने प्रशिक्षक की हर आज्ञा का पालन कर रहे थे। उन्हें उसी बर्तन में पानी पिलाया जा रहा था जिसमें एक बकरी भी पानी पी रही थी। फिर बकरी एक सिंह से दूसरे सिंह के पीठ पर छलाँग लगाई। हम लोगों ने इसकी भरपूर प्रशंसा की।


यह कार्यक्रम रात दस बजे समाप्त हो गया। हमने जो भी देखा उसे पसन्द किया और कार्यक्रम में अत्यधिक आनन्द प्राप्त किया। हम कुशल कसरतबाज और जानवरों की प्रशंसा करते हुए घर लौट आए। हम सर्कस के कार्यक्रम को सदा याद रखेंगे। दोस्तों ये निबंध आपको कैसा लगा ये कमेंट करके जरूर बताइए ।