सर्कस पर हिंदी निबंध | Essay on Circus in Hindi

 

सर्कस पर हिंदी निबंध | Essay on Circus in Hindi

नमस्कार  दोस्तों आज हम  सर्कस इस विषय पर निबंध जानेंगे। प्रस्तावना-मनुष्य विश्व में सबसे अधिक शक्तिवान है। वह अपनी बुद्धि बल पर सभी जीवों पर विजय प्राप्त करने में सफल हो गया है। हिंसक पशु भी उसके वश में हो गए हैं। 


सर्कस में हम ऐसे ही हिंसक पशुओं को Fष्य की आज्ञा का पालन करते हुए देख सकते हैं। जंगल का राजा शेर भी ष्य के इशारों पर चलता है। सर्कस क्या है?-सर्कस एक ऐसी संस्था है जो अपने मनोरंजक प्रदर्शनों मनुष्य की असीम शक्ति का परिचय कराती है। अर्थात् सर्कस मनुष्य की और क्षमता का अनूठा चमत्कार है। यहाँ अनेक पश-पक्षी, लड़के-लड़कियाँ द मिलकर अपने करतब दिखाकर जनता का मनोरंजन करते हैं। 


अतः आज के इस वैज्ञानिक युग में सर्कस एक शक्तिदायक, स्फूर्तिपूर्ण तथा मनोरंज संस्था के रूप में हमारे सामने आता है। सर्कस के विभिन्न रूप-विभिन्न सर्कस संसार के भिन्न-भिन्न नगरों प्राचीन काल से अपने अनूठे कार्यक्रम दिखाते आ रहे हैं। 


पश्चिमी राष्टों में इसका बहुत अधिक विकास हुआ है। इनमें से कुछ प्रमुख सर्कस इस प्रव हैं-जैमिनी सर्कस, अपोलो सर्कस, जम्बो सर्कस, ग्रेट रेमन सर्कस आदि। एक सर्कस का दृश्य-लगभग एक वर्ष पूर्व लालकिला मैदान 'जम्बो' सर्कस लगा हुआ था। 


मैं भी समाचार-पत्र में उसका विज्ञापन पढ़ अपने मित्र के साथ सर्कस देखने गया। हम लगभग 3 बजे लालकिले के मैद में पहुंच गए थे। टिकट-घर पर बहुत भीड़ थी। लगभग आधे घण्टे के बाद दो टिकट लेकर सर्कस के अंदर गए। जैसे ही हम अंदर पहुँचे, सर्कस आर हो गया। 


सबसे पहले कुछ बालिकाओं ने सुन्दर पोशाकों में एक गीत सुना उनकी आवाज़ बड़ी मधुर थी। थोड़ी देर बाद सकस क प्रागण म कुछ मस दिखाई दिए जिन्होंने दर्शकों का मनोरंजन करना प्रारम्भ कर दिया। तत्पश कुछ लड़के तथा लड कियाँ अपनी वेशभूषा में वहाँ आए और उन्होंने आ व्यायाम-क्रियाओं का प्रदर्शन किया। 


वे बड़ी स्फूर्ति से रस्सी पर चलते थे उस पर निश्चल भाव से स्थिर रह सकते थे। दर्शकों को यह कार्यक्रम है अच्छा लगा और सभी ने जोर-जोर से तालियाँ बजाईं। इसके बाद पंडाल घोड़ों ने प्रवेश किया। उन्होंने अनोखे करतबों से हम सबका मनोरंजन वि फिर हाथियों और शेरों ने अपने-अपने खेल दिखाए। 


हाथियों ने अपने पैर फुटबॉल खेलकर दिखाई जिसे बच्चों ने बहुत पसन्द किया। एक व्यकि विशालकाय हाथी को अपनी छाती पर बहुत आसानी से खड़ा कर लिया। एक व्यक्ति ने मौत के कुँए में मोटर साइकिल चलाकर दिखाई। शेरों को के इशारों पर नाचते हुए देखकर हमें बहुत आश्चर्य हो रहा था। 


तत्पश्चात् सभ्य व्यक्ति के भेष में एक वनमानष ने प्रवेश किया जिसके क्रियाकलाप ही अनूठे थे। उसने वे सब काम कर दिखाए जो एक इंसान कर सकत उसने यह सिद्ध कर दिया कि पशु भी मनुष्य से कम नहीं होते हैं। उपसंहार-सर्कस देखकर जब मैं अपने मित्र के साथ घर वापस तो मैं बहुत प्रसन्न था। क्योंकि आजतक मैंने ऐसे अनूठे खेल नहीं देखे थे सर्कस की मधुर स्मृति आज भी मेरे मन में बसी हुई है। लाप दोस्तों ये निबंध आपको कैसा लगा ये कमेंट करके जरूर बताइए ।


शब्दार्थ-हिंसक = मार डालने वाला। असीम = बहुत अधिक। प्रांगण = खुली जगह। दर्शक = देखने वाले। विशालकाय = बहुत बड़े शिरीर वाला। आश्चर्य = हैरानी।