संपीड़ित प्राकृतिक गैस पर हिंदी निबंध | Essay on C.N.G .COMPRESSED NATURAL GAS in Hindi
नमस्कार दोस्तों आज हम संपीड़ित प्राकृतिक गैस C.N.G इस विषय पर निबंध जानेंगे। (कम्प्रैस्ड नैच्चूरल गैस) सडकों पर वाहनों की बढ़ती हुई संख्या के परिणामस्वरूप शोर तथा वायुप्रदूषण उत्पन्न होते हैं। वाहनों के धुएं को हम सभी प्रत्यक्ष रूप से अन्त:श्वसन करते हैं। इस से कई बीमारियाँ उत्पन्न होती हैं। वाहनों तथा उनके हॉर्न द्वारा उत्पन्न शोर क्रमश: (समयान्तर में) हमें बहरा भी कर सकता है।
श्री एम.सी. मेहता नामक एक प्रसिद्ध अधिवक्ता (वकील) तथा पर्यावरणवादी ने इस समस्या से मुक्त होने के लिए दिल्ली के नागरिकों की तरफ से 1985 में उच्चतम न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) में एक मुकदमा दायर किया था। उस के परिणामस्वरूप, सुप्रीम कोर्ट ने वाहनों पर सीसारहित पेट्रोल के प्रयोग पर बल दिया था।
साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने 31 मार्च, 2001 तक डी.टी.सी की सभी बसों को सी.एन.जी. बसों में परिवर्तित करने के भी आदेश दिए थे। निर्धारित समय के भीतर 80 सी.एन.जी. स्टेशनों के खोले जाने पर भी बल दिया था। परन्तु केवल 68 सी.एन.जी. स्टेशन स्थापित हुए।
बारह हजार बसों में से केवल 300 बसों (2.5%) को सी.एन.जी. चालित बनाया गया। एक अप्रैल, 2001 को केवल सी.एन.जी. चालित बसें ही सड़कों पर नजर आयीं। वह दिन, लगभग 25 लाख यात्रियों को वास्तविक मूल् का दिन (फर्स्ट अप्रैल) सिद्ध हुआ। अपने जीवन को जोखिम में डाल कर, यात्रियों ने बसों की छतों के ऊपर भी यात्रा की।
सुप्रीम कोर्ट ने जनता की समस्याओं को महसूस किया और 30 सितम्बर, 2001 तक निर्धारित तिथि बढ़ा दी: केवल डीजल चालित वाहन ही सी.एन.जी वाहनों के साथ सड़कों पर चल सकते थे। अक्तूबर मास में भी दिल्ली की सड़कों पर अप्रैल वाला वाहन संकट दृष्टिगोचर हुआ।
अब स्थिति बदल गई है। डी.टी.सी तथा वैयक्तिक रूप से चलाई जाने वाली बसों में से 90% बसें सी.एन.जी. द्वारा चलाई जा रही है। गैस की वर्तमान माँग को पूरा करने के लिए पर्याप्त संख्या में सी.एन.जी स्टेशन भी स्थापित कर दिए हैं।
सी.एन.जी. कैम्प्रैस्ट नैच्चूरल गैस का संक्षिप्त रूप है। यह डीजल या पेट्रोल का वैकल्पिक ईंधन है। इस के अनेकों लाभ हैं। यह डीजल तथा पेट्रोल, दोनों से सस्ता है। जलते समय यह धुआं नहीं छोड़ता है। इस कारण से यह प्रदूषण रहित है।
डेनमार्क तथा अमरीकी के विशेषज्ञों ने अपने निजी अनुभव के आधार पर घोषणा की है कि परिवर्तित वाहन पूर्णरूप से सफल नहीं हैं क्योंकि वे सुरक्षा को खतरा पहुँचा सकते हैं। इस के अतिरिक्त इस में ठोस परिवर्तन तकनीकी की आवश्यकता है
जो भारत में आधुनिक समय में प्रारम्भिक चरण पर है। सी.एन.जी अत्यधिक ज्वलनशील है। सी.एन. जी में पेट्रोल तथा डीजल की तुलना में गतिक ऊर्जा है। इसी कारण से ऊंचे पहाड़ा क्षेत्रों में यह विफल है। आशा की जाती है कि निकट भविष्य में सी.एन.जी. आभशाप नहीं बल्कि वरदान सिद्ध होगी। दोस्तों ये निबंध आपको कैसा लगा ये कमेंट करके जरूर बताइए ।