फुटबॉल पर हिंदी निबंध | Essay on Football in Hindi

फुटबॉल पर हिंदी निबंध | Essay on Football in Hindi

 नमस्कार  दोस्तों आज हम फुटबॉल  इस विषय पर निबंध जानेंगे। का मैच फुटबॉल मैच का आयोजन-इस वर्ष डी.ए.वी. स्कूल तथा बिड़ला स्कूल के मध्य फुटबॉल का फाइनल मैच होना था। मैच बड़ा ही संघर्षपूर्ण था। दोनों स्कूलों के प्रधानाचार्यों ने सभी विद्यार्थियों को इसकी सूचना दे दी थी।" 


अतः दर्शकों की अधिक भीड़ होने की संभावना थी। निश्चित समय से पूर्व ही खेल में दोनों टीमों के समर्थक बहुत बड़ी संख्या में पहुंचे हुए थे। खेल के मैदान में-मैच आरम्भ होने से दस मिनट पहले दोनों टीमें खेल के मैदान में पहुँच गई थीं। 


टीमों के मैदान में आते ही सारा मैदान तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। डी.ए.वी. स्कूल की टीम की वर्दी नीली थी जबकि बिड़ला स्कूल की टीम ने लाल वर्दी पहन रखी थी। हरी वर्दी पहने निर्णायक महोदय भी मैदान में आ पहुँचे। तभी दोनों टीमों के कप्तानों ने अपनी-अपन टीम के खिलाड़ियों का परिचय इस मैच के मुख्य अतिथि शिक्षा निदेशक करवाया।


मैच का आरम्भ-दोनों स्कूलों की टीमें अच्छी थी, इसलिए खेल आनन्द आना स्वाभाविक था। खेल को आरम्भ करने की सूचना देने के लि निर्णायक ने सीटी बजाई तथा खेल आरम्भ हो गया। दोनों टीमों के मध्य टॉ किया गया। डी.ए.वी. स्कूल की टीम टॉस हार गई। 


अतः उसके खिलाड़ि। ने फुटबॉल को किक (ठोकर) लगाकर अपने दूसरे साथी को सरका दी। दूर ने तीसरे को बढ़ानी चाही, परन्तु गेंद छीन ली गई। देखते-ही-देखते खेल' जोरों पर खेला जाने लगा। खेल में युक्ति तथा शक्ति का शानदार प्रदर्शन च रहा था। 


बिड़ला स्कूल की टीम ने डी.ए.वी. स्कूल की टीम को दबाना आर कर दिया। फुटबॉल डी.ए.वी. स्कूल के गोलरक्षक से बचकर गोल को पार के गई। बस फिर दूसरी टीम के हर्ष का कोई ठिकाना नहीं रहा। डी.ए.वी. स्व की टीम के खिलाड़ी थोड़े उदास हुए परन्तु उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। थोड़ी. में पासा पलट गया और डी.ए.वी. स्कूल की टीम ने वह गोल कर डाला। त मैच का मध्यान्तर हो गया।


मैच का अन्तिम भाग-मध्यान्तर समाप्त होते ही 'निर्णायक' ने सीटी बजाई। मैच पुनः प्रारम्भ हो गया। अब दोनों टीमें पूरे जोश में थीं। इसलिए थोडी देर तक तो फुटबॉल इधर-उधर घूमती रही और कोई भी टीम गोल नहीं कर सकी।


अवसर पाते ही डी.ए.वी. स्कूल की टीम ने बिड़ला स्कूल की टीम पर दूसरा गोल कर डाला। दर्शकों की तालियों से मैदान गूंज उठा। डी.ए.वी. स्कूल की टीम के समर्थक बहुत प्रसन्न दिखाई दे रहे थे। ज्योंही खेल समाप्त होने में केवल पाँच मिनट शेष थे, बिड़ला स्कूल की टीम ने विपक्ष पर एक गोल कर दिया। परन्तु फिर भी बिड़ला स्कूल की टीम डी.ए.वी. स्कूल की टीम से 2-1 गोल से हार गई।


पुरस्कार वितरण-मैच समाप्त होते ही खिलाड़ियों को फल वितरित किए गए तथा जीतने वाली टीम को ट्रॉफी तथा खिलाड़ियों को पुरस्कार वितरित किए गए। मुख्य अतिथि महोदय ने सबका धन्यवाद किया। सभी अपने-अपने घरों को चले गए। दोस्तों ये निबंध आपको कैसा लगा ये कमेंट करके जरूर बताइए ।

शब्दार्थ-संघर्षपर्ण = कडा मकाबला। दर्शक = देखने वाले। समर्थक = साथ देने वाले। निर्णायक = फैसला करने वाले (Refree)। मध्यान्तर = आधा समय। पुरस्कार = इनाम।