ग्राम पंचायत पर निबंध | Essay on Gram Panchayat in Hindi
नमस्कार दोस्तों आज हम ग्राम पंचायत इस विषय पर हिंदी निबंध जानेंगे। न्याय और अन्याय के बीच हमेशा विवाद रहा है। इस विवाद का निपटारा करने के लिए कोई-न-कोई न्यायप्रणाली हमेशा रही है। आज शहरों में यह कार्य तरह-तरह के न्यायालय करते हैं। गाँवों में यह काम ग्राम पंचायत करती है।
ग्राम पंचायत पाँच पंचों की समिति होती है। इन पंचों को गाँव के नागरिक चुनते हैं। पाँच पंचों में एक मुख्य पंच होता है। इसे ‘सरपंच' कहते हैं। कुछ वर्ष पहले तक प्राय: पुरुष ही पंच होते थे, परंतु आजकल महिलाएँ भी पंच बनती हैं। प्रभावशाली महिला सरपंच चुनी जाती है।
हमारे यहाँ पाँच वर्ष की अवधि वाली चुनाव पद्धति है। इसी के अनुसार ग्राम पंचायत का चुनाव हर पाँच वर्ष के बाद होता है अर्थात् एक बार चुनी गई पंचायत पाँच वर्ष तक काम करती है।
गाँव के लिए पंचायत का बहुत महत्त्व है। शहर में जो काम नगरपालिका करती है, गाँव में वही काम ग्राम पंचायत करती है। वह गाँव के लिए पेयजल की पूर्ति का प्रबंध करती है। गाँव में किसी संक्रामक बीमारी के फैलने पर वह दवा और टीके की व्यवस्था करती है।
गाँव में लगने वाले मेले और बाजार का प्रबंध भी ग्राम पंचायत ही करती है। वह गाँव में नए रास्ते बनवाती और पुराने रास्तों की मरम्मत कराती है। ग्राम पंचायत गाँव का न्यायालय भी है। वह गाँववालों के झगड़ों का निपटारा करती है।
ग्राम पंचायत के कारण गाँव के लोगों को अपने विवादों का फैसला कराने के लिए शहर के न्यायालय में नहीं जाना पड़ता। उन्हें गाँव में ही शीघ्र और सस्ता न्याय सुलभ हो जाता है। ग्रामवासी अपने पंचों को परमेश्वर के समान मानते हैं।
पंचायतों के कारण हमारा लोकतंत्र गाँव तक पहुँचा है। पंचायतों के रूप में हमारी न्याय प्रणाली ने गाँवों में अपनी जड़ें जमाई हैं। सचमुच हमारे यहाँ की पंचायतें लोकतंत्र की ग्रामीण पाठशालाएँ हैं। हमारे गाँवों की प्रगति में यहाँ की पंचायतों का बड़ा योगदान रहा है। दोस्तों ये निबंध आपको कैसा लगा ये कमेंट करके जरूर बताइए ।