जीवन में सफलता का महत्त्व पर हिंदी निबंध | Essay on Importance of Success in Life in Hindi

 

 जीवन में सफलता का महत्त्व पर हिंदी निबंध |  Essay on Importance of Success in Life in Hindi

नमस्कार  दोस्तों आज हम जीवन में सफलता का महत्त्व इस विषय पर हिंदी निबंध जानेंगे। जीवन की तरह इतिहास में भी सफलता की ही गिनती होती है। यदि आप एक राजनीतिक क्रांति शुरू करें तो पकड़े जाने पर आपको एक देशद्रोही कह कर फांसी दे दी जायेगी। 


किन्तु यदि आप विद्रोही नेता की हैसियत से कोई बात मनवाने में सफल होते हैं तो भविष्य की सभी पीढ़ियाँ आपकी पूजा राष्ट्र पिता के रूप में करेंगी। 


दुनिया हमेशा उगते सूर्य की पूजा करती है। जब नेपोलियन की सेनाएँ यूरोप के विभिन्न देशों में आक्रमण कर रही थीं और बड़े-बड़े राजाओं को अपने आगे झुका रहीं थीं तो नेपोलियन का नाम पूरे महाद्वीप में गूंज रहा था। फ्राँस का प्रत्येक कोना और भूभाग ‘राजा अमर रहे' की आवाज से प्रतिध्वनित हो रहा था। 


किन्तु जब भाग्य का समय बदला और नेपोलियन वाटरलू का युद्ध हार गया तो उसका तिरस्कार किया जाने लगा और उससे 'खूनी कुत्ता' के कहकर घृणा किया जाने लगा। यहाँ तक कि उसके अपने देशवासी उससे विमुख हो गए और उसे अभिशाप, ईश्वर का चाबुक और ईसा के दुश्मन के रूप में उसकी ओर देखने लगे।


फिल्म जगत में जब अमिताभ बच्चन ने प्रवेश किया तो प्रारम्भ में उन्हें असफलता हाथ लगी और आलोचक उन्हें अभिनय के लिए पूरी तरह से आयोग्य ठहरा रहे थे। कालांतर में जब सफलता उनके चरण चूमने लगी तो हम उन्हें सफलता एवं कीर्तिमानों का स्तम्भ कहने लगे।


यह दो सौ वर्ष पूर्व की बात है। लगभग सत्तर साल पहले एक अन्य व्यक्ति ने नेपोलियन के प्रदर्शन को दोहराया। जर्मनी का तानाशाह हिटलर सभी दिशओं में घूमा, उसने सभी प्रतिरोधों को तोड़ दिया और सबसे कड़े विरोधियों को भयभीत कर दिया। 


दुनिया की नजर उस पर महान युद्धनीतिज्ञ, सैनिकों का राजा तथा श्रेष्ठ सेनापति के रूप में थी। फिर प्रकृति ने उलटा खेल दिखाया। हिटलर 1945 में पराजित हो गया, और अब कोई बड़ा दुश्मन नहीं बल्कि कल के खुशामदी आज उसके सबसे बड़े निन्दक बन गये । 


जब सफलता हार में तब्दील हो गई तो फूलों का गुलदस्ता पत्थरों में बदल गया। यह दुनिया का नियम है। यह दुखद सच्चाई है कि हजारों देशवासी स्वर्गीय प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की क्षमता तथा उनके अच्छे प्रदर्शन में संदेह रखते थे। 


उदाहरणों की कमी नहीं है जब वे एक सिनेमा के पर्दे पर दिखे थे तो लोगों ने उनकी हँसी उड़ाई और ताने मारे थे। किन्तु जब उस “छोटे आदमी' ने अपने साहस से देश को नेतृत्व प्रदान कर युद्ध में विजय दिलायी, तो वे देशवासियों के परमप्रिय बन गये। सफलता के बिना कोई कामयाब नहीं होता। दोस्तों ये निबंध आपको कैसा लगा ये कमेंट करके जरूर बताइए ।