मकर संक्रांति पर निबंध | Essay on Makar Sankranti in Hindi
नमस्कार दोस्तों आज हम मकर संक्रांति इस विषय पर निबंध जानेंगे। भारत त्यौहारों का देश है। इस देश में सालभर में अनेक त्यौहार मनाए जाते हैं। प्रत्येक त्यौहार की अपनी अनोखी विशेषता होती है। इन त्यौहारों में मुझे मकरसंक्रांति का त्यौहार बहुत प्रिय है।
मकरसंक्रांति का त्यौहार हर साल १४ जनवरी को मनाया जाता है। यह जाड़े की ऋतु का मुख्य त्यौहार है। इस दिन से सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण की ओर आने लगता है।
सारे भारत में मकरसंक्रांति का विशेष धार्मिक महत्त्व है। इस दिन लाखों भारतवासी पवित्र नदियों में स्नान करते हैं। लोग सूर्य की पूजा करते हैं और दान देते हैं। इस दिन नदियों के संगम पर स्नान करनेवालों की बड़ी भीड़ रहती है।
सामाजिक दृष्टि से भी मकरसंक्रांति के त्यौहार का विशेष महत्त्व है। इस दिन महाराष्ट्र के घर-घर में गुड़ और तिल के लड्डू बनाए जाते हैं। ये लड्डू सगे-संबंधियों में बाँटे जाते हैं। तिल के लड्डुओं का दान भी किया जाता है। असल में जाड़े के मौसम में तिल-गुड़ खाना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। मुझे तिल के लड्डू बहुत अच्छे लगते हैं।
मेरे लिए तो मकरसंक्रांति पतंगबाजी का रंगीन त्यौहार है। मैं इस दिन बहुत सारी पतंगें और माँझा लेकर अपने मकान की छत पर चला जाता हूँ। मेरे मित्र भी अपनी-अपनी पतंगें लेकर आते हैं। हम सब दिनभर खूब पतंगें उड़ाते हैं। इसी प्रकार मुहल्ले के हर मकान से पतंगें उड़ाई जाती हैं।
लोग एक-दूसरे की पतंगें काटने का मजा लूटते हैं । कटी हुई पतंगें पकड़ने का भी खास आनंद होता है। इस प्रकार पतंग-युद्ध शाम तक चलता रहता है। गुजरात में तो कई नगरों में पतंगबाजी की प्रतियोगिताएँ भी रखी जाती हैं। ये प्रतियोगिताएँ देखने लायक होती हैं।
कहीं-कहीं पतंगबाजी के दरम्यान मारपीट और लड़ाई-झगड़े की दुखद घटनाएँ भी घट जाती हैं। कुछ पतंगबाज पतंग उड़ाते या लूटते समय दुर्घटना के शिकार भी हो जाते हैं। इसके बावजूद मकरसंक्रांति का त्यौहार आनंद, उत्साह और उल्लास का अनूठा त्यौहार है। इन्हीं विशेषताओं के कारण मैं इस त्यौहार को ज्यादा पसंद करता हूँ।दोस्तों ये निबंध आपको कैसा लगा ये कमेंट करके जरूर बताइए ।