मनोरंजन के साधन पर निबंध | Essay on Means of Entertainment in Hindi
नमस्कार दोस्तों आज हम मनोरंजन के साधन इस विषय पर निबंध जानेंगे। प्रात: से सायंकाल तक जब मनुष्य कार्य करते-करते थक जाता है तो उसे शारीरिक तथा मानसिक विश्राम के लिए मनोरंजन की आवश्यकता पड़ती है।
मनोरंजन मनुष्य के लिए उतना ही आवश्यक है जितना खाने के लिए भोजन, पहनने के लिए वस्त्र तथा रहने के लिए मकान। मनोरंजन से मानव शरीर में शक्ति का पुन: संचार होने लगता है। वह स्वयं को तरोताजा अनुभव करता है। मनोरंजन जीवन में सरसता भर देता है।
मनोरंजन तथा मनोरंजन के साधन सभी लोगों के लिए उपयोगी होने चाहिएँ। मनोरंजन के साधन स्थानीय परिस्थितियों पर निर्भर करते हैं। आदिवासियों में प्रचलन है कि नौजवान लड़के तथा लड़कियाँ अपनी परम्पराओं के अनुसार नाच-गाकर एक दूसरे का दिल बहलाते हैं।
मणिपुर में किसी भी वृद्धा तथा वृद्ध की देख-रेख में ग्रामीण तरुण तरुणियाँ एकत्र होकर रास और नृत्य करके मनोरंजन करते हैं। आज के मशीनी युग में मनोरंजन के लिए कम्प्यूटर जैसी मशीनें तैयार हो गई हैं जिनमें वीडियो गेम आदि खेले जा सकते हैं।
नाना प्रकार के व्यायाम, शारीरिक शक्ति-प्रदर्शन, सामूहिक नृत्य व गान, हास्य रस से परिपूर्ण साहित्य की रचना, अन्त्याक्षरी प्रतियोगिताएँ आदि कार्यक्रम मनोरंजन के ही साधन हैं।
इनके अतिरिक्त खेल-कूद, कवि-सम्मेलन, भ्रमण करना, पर्यटन, प्रदर्शनियाँ, सर्कस, चिड़ियाघर, अजायबघर आदि भी मनोरंजन करने में सहायक हैं। अश्लील तथा अभद्र गाने तथा हाव-भाव मनोरंजन के निकृष्ट साधन हैं। ऐसे ओछे तथा गन्दे मनोरंजन से सदैव दूर रहना चाहिए। दोस्तों ये निबंध आपको कैसा लगा ये कमेंट करके जरूर बताइए ।