मेरा प्रिय लेखक पर हिंदी निबंध | Essay on My Favourite Author in Hindi

 

 मेरा प्रिय लेखक पर हिंदी निबंध | Essay on My Favourite Author in Hindi

नमस्कार  दोस्तों आज हम  मेरा प्रिय लेखक इस विषय पर हिंदी निबंध जानेंगे। मेरा प्रिय लेखक विक्टोरिया के उपन्यासकार चार्ल्स डिकेन्स है। उनकी रचनाओं से मेरा परिचय बचपन में हुआ, जब मैंने उनके प्रसिद्ध उपन्यास “ए टेल आफ टू सिटीज” पर आधारित एक फिल्म देखी थी, जिसने मेरे मस्तिष्क पर एक गहरा प्रभाव छोड़ा था।


बड़े होने पर मैंने उस उपन्यास को पढ़ा। डिकेन्स के प्रति मेरी उत्सुकता कुछ ही वर्ष में बढ़ने लगी। मैंने उनकी पिकविक पेपर्स, डेविड कॉपरफिल्ड और अन्य मुख्य कृतियाँ पढ़ीं। मुख्यतः डिकेन्स के उपन्यासों में उनकी जीवन के प्रति रुचि ने मुझे प्रभावित किया। 


उनकी सहजीवों के प्रति उत्सुकता, उनकी अनुकूल सहानुभूति तथा उनकी जिन्दगी का उत्सुकतापूर्वक अवलोकन उनकी पुस्तकों को स्मरणीय ताजगी प्रदान करता है तथा सशक्त बनाता है। यह सच है कि उनके अवलोकन का केन्द्र लंदन और विशेषकर उसका मध्य वर्ग है, किन्तु कुछ उपन्यासकारों ने अपनी कृतियों में इस पहलू से ज्यादा न्याय किया है। 


सिर्फ चार्ल्स लैम्ब ही उनके दूरस्थ प्रतिद्वन्द्वी हैं किन्तु वे निबन्धकार हैं और उनका कार्यक्षेत्र संकरा और सीमित है। मेरा प्रिय लेखक लन्दन को अन्तरंग और स्नेहमय रूप से जानता है और उसकी कल्पनाशक्ति लन्दन के चित्र को एक रमणीय दीप्ति प्रदान करती है। 


एक सुगठित और सुसम्बद्ध कहानी के लिए जो डिकेन्स की कृति को पढ़ते हैं, उन्हें उनके उपन्यास को स्वच्छन्द, प्रासंगिक और जिन्दगी की तरह सम्बद्ध न देखकर निराशा होगी। ऐसे पाठकों को इससे अच्छा अलेक्जेण्डर डूयमा और थामस हार्डी को पढ़ना चाहिए। 


डिकेन्स कथावस्तु बनाने जैसी बातों पर ध्यान नहीं देते थे। उनकी कहानियाँ असम्बद्ध वृतान्त, विषयान्तर से भरी पड़ी हैं, क्योंकि उनका लक्ष्य जीवन की अनन्त विविधता को प्रस्तुत करना रहा है। उनके लिए जिन्दगी का नाटक एक महान सम्मोहक दृश्य होता था। वह इसका उपहास देखना पसन्द करते थे किन्तु वह कभी उसकी तरफ ध्यान नहीं देते थे। 


वह जिन्दगी के विषम, हास्यकर, अद्भुत दृश्यों का आनन्द लेते थे। डिकेन्स के बारे में जानबूझकर टिप्पणी की गई है कि वह प्रत्येक नाक को उसकी वास्तविक रूप से दुगुना बड़ा देखते थे। इस प्रकार उनके पृष्ठ अनियमितता, विलक्षण श्रेष्ठ हास्य व्यक्तित्व से भरपूर होते हैं। 


डिकेन्स का विनोद व्यापक होता है। वास्तव में वे निष्कपट हँसी पर विश्वास करते थे। डिकेन्स के उपन्यास आनन्द और निर्देश दोनों ही प्रदान करते हैं। इनमें उन्होंने अपने दिनों की कई बुराईयों का पर्दाफाश किया है। 


जिनमें जनता को फांसी, अच्छे प्राइवेट स्कूलों का न होना, बच्चों के साथ कठोर व्यवहार, न्याय की कठोरता एवं विक्टोरियन काल की अनेक बुराईयों को हास्यास्पद ढंग से वर्णित किया गया है। उनकी कहानियों के कुछ निश्चित नैतिक उद्देश्य हैं, किन्तु वे उपदेशात्मक लेखक जैसा नहीं हैं। 


यह सर्वविदित सत्य है कि उसके उपन्यासों ने ब्रिटिश जनता के नैतिक अन्तःकरण को जागरूक बनाया है किन्तु यह कहना उचित नहीं होगा कि उसने अपनी कला को सामाजिक सुधार के लिए न्यौछावर किया है। डिकेन्स की मुख्य उपलब्धि उनके अमर चरित्र सृष्टि है। 


उनके मुख्यतः सभी चरित्र मध्यम वर्ग से लिए गए हैं। उसका चारित्रीकरण कुशाग्र मनोवैज्ञानिक या गहरा प्रभाव डालने वाले नहीं है, किन्तु इसमें विविधता और ओजस्विता है। 


उसके व्यक्तियों में डेविड कापरफिल्ड, पिकविक, मिकाबर, सिडनी कार्टन, पैकनिफ आदि हैं जबकि उसकी कुछ अविस्मरणीय महिलाओं में श्रीमती ग्रेगोरी, सुश्री हवीशम, श्रीमती कमिड्ज और सुश्री बेटसी ट्रोटऊड हैं। दोस्तों ये निबंध आपको कैसा लगा ये कमेंट करके जरूर बताइए ।