मेरा शौक पर निबंध | Essay on My Hobby in Hindi

 

मेरा शौक पर निबंध | Essay on My Hobby in Hindi

नमस्कार  दोस्तों आज हम  मेरा शौक इस विषय पर निबंध जानेंगे। इस लेख मे कुल २ निबंध दिये गये हे जिन्‍हे आप एक -एक करके पढ सकते हे ।लोगों को तरह-तरह के शौक होते हैं। किसीको घूमने-फिरने का शौक होता है। किसीको खेलने या पढ़ने का शौक होता है, तो कोई फोटोग्राफी या डाक-टिकटों के संग्रह के शौकीन होते हैं। 


मुझे तो बागबानी का बहुत शौक है। बागबानी सीखने के लिए मैंने कई पुस्तकें खरीदी हैं। हमारे घर के पीछे थोड़ी-सी खाली जगह पड़ी थी। उसीको एक छोटे-से बगीचे में विकसित कर मैंने अपना शौक पूरा किया है। 


मेरी फुरसत का अधिकतर समय इस बगीचे में ही बीतता है। मैंने इस बगीचे में तरह-तरह के पौधे लगाए हैं। इसमें कई तरह के गुलाब के पौधे हैं। कछ पौधे चमेली और मोगरे के भी हैं। रात में रातरानी की खूशबू दूर-दूर तक फैलती है। बगीचे में तुलसी के भी पौधे लगाए गए हैं। 


तुलसी गुणकारी औषधि भी है। बगीचे के एक कोने में मैं हरी धनिया, पुदीना और मिर्च भी उगाता हूँ।पहले घर में सभी मेरे इस शौक के खिलाफ थे। सब इसे पढ़ाई से जी चुराने का मेरा बहाना मानते थे। परंतु अब मेरा शौक सबको अच्छा लगता है। 


माँ और दीदी बागबानी में मेरी मदद करती हैं। पिताजी खुश हैं कि घर में फूलों की बढ़िया खुशबू आती रहती है। माताजी खुश हैं कि उन्हें पूजा के लिए रोज सुबह ताजे फूल मिल जाते हैं। बहन अपने बालों में गुलाब को सजाकर फूली नहीं समाती। 


मेरे मित्रों को भी मेरा यह शौक भा गया है। कुछ मित्रों ने तो मुझसे माँगकर अपने यहाँ फूलों के पौधे लगाना भी शुरू कर दिया है।बागवानी के शौक से मुझे कई लाभ हुए हैं। 


इससे फूलों के बारे में मेरी जानकारी बढ़ी है। पौधों की सुरक्षा के बारे में मुझे नई-नई बातें सीखने को मिली हैं।अपने बगीचे को हरा-भरा देखकर मेरा दिल खिल उठता है। दोस्तों ये निबंध आपको कैसा लगा ये कमेंट करके जरूर बताइए ।और आगे दिया हुआ दूसरा निबंध पढ़ना मत भूलियेगा धन्यवाद  ।


निबंध 2

 मेरा शौक पर निबंध | Essay on My Hobby in Hindi

प्रत्येक व्यक्ति को कोई-न-कोई शौक अवश्य होता है। किसी को डाक-टिकट संग्रह करने का शौक होता है। किसी को संगीत या चित्रकला का शौक होता है। किसी को क्रिकेट या फुटबाल खेलने का शौक होता है। मुझे फोटोग्राफी का शौक है।


पिछले साल मेरे जन्मदिन पर पिताजी ने मुझे एक सुंदर और महँगा कैमरा उपहार में दिया था। कुछ दिनों तक मेरे बड़े भइया ने मुझे फोटो खींचने की कला सिखाई। जल्दी ही मैं एक कुशल फोटोग्राफर बन गया। अब तो मेरा कैमरा ही मेरा सच्चा साथी बन गया है। मैं कहीं घूमने जाता हूँ, तो मेरा कैमरा सदा मेरे साथ रहता है।


आज तक मैंने सैकड़ों तस्वीरें खींची हैं। सबसे पहली तस्वीर मैंने अपने पिताजी की खींची थी। माताजी और भाई-बहनों की तो अनेक तस्वीरें मैंने खींची हैं। प्राकृतिक दृश्यों की तस्वीरें खींचने का मुझे बहुत शौक है। किसी तस्वीर में फूल पर तितली बैठी है। 


किसी में डाल पर बैठा हुआ पक्षी है। किसी में नागराज फन उठाए झूम रहे हैं। एक फोटो तो मैंने साँप और नेवले की लड़ाई का भी खींचा है। अपनी दीदी की सगाई और शादी के तो मैंने अनेक फोटो खींचे हैं। ये चित्र, फोटोग्राफी में मेरी निपुणता के सबूत बन गए हैं।


फोटो खींचने के इस शौक से मुझे कई लाभ हुए हैं। इससे मेरी जानकारी बढ़ी है। चीजों को अलग दृष्टि से देखने की मुझे आदत पड़ गई है। अच्छे फोटो के लालच में मैं दूर-दूर तक चक्कर मारता रहता हूँ। इससे मुझे बहुत कुछ देखने का मौका मिलता है। 


फोटोग्राफी के शौक ने मुझे किताबी कीड़ा बनने से बचाया है। इस शौक के कारण मेरा सम्मान भी बहुत बढ़ गया है। मेरे मित्र अपने जन्मदिन या अन्य विशेष अवसरों पर मुझे आग्रहपूर्वक अपने घर बुलाते हैं। मेरे खींचे हुए कई फोटो हमारे स्कूल की मैगज़ीन के मुखपृष्ठ की शोभा बढ़ा रहे हैं।


सचमुच, मेरा कैमरा मेरे लिए बहुत महत्त्वपूर्ण वस्तु बन गया है। मेरी इच्छा है कि मैं एक सफल फोटोग्राफर बनूँ। अच्छी से अच्छी तस्वीरें खींचकर अच्छा नाम कमाऊँ। दोस्तों ये निबंध आपको कैसा लगा ये कमेंट करके जरूर बताइए ।