समाचार पत्र पर निबंध | essay on newspaper in hindi language
नमस्कार दोस्तों आज हम समाचार पत्र पर निबंध इस विषय पर निबंध जानेंगे। शहरों में सुबह होते ही बहुत अधीरता से समाचारपत्रों की प्रतीक्षा की जाती है। यदि समाचारपत्र आने में देर होती है, तो लोगों की बेसब्री बढ़ जाती है। आजकल सुबह की चाय की प्याली की तरह समाचारपत्र भी अनिवार्य हो गया है। समाचारपत्र आते ही सबकी उत्सुकता बढ़ जाती है।
गृहस्वामी संसार के प्रमुख राजनीतिक समाचार जान लेना चाहते हैं। गृहस्वामिनी तीज-त्योहार तथा सोने-चांदी के भावों के बारे में जानना चाहती हैं। स्कूल, कॉलेज जानेवाले किशोर-किशोरियाँ तथा युवावर्ग खेल-कूद संबंधी नवीनतम समाचार प्राप्त करना चाहते हैं।
अवकाश-प्राप्त दादाजी संपादकीय स्तंभ पढ़ने के लिए अधीर हो उठते है। समाचारपत्र का आगमन पूरे घर को अनोखी स्फूर्ति और उत्सुकता से भर देता है।
आज का युग समाचारों का युग है। समाचारपत्र ही हमें देश-विदेश के राजनीतिक, व्यापारिक, आर्थिक, सांस्कृतिक आदि विभिन्न क्षेत्रों की गतिविधियों की विस्तृत जानकारी देते हैं। समाचारपत्रों से ही हमें खेल-कूद की प्रतियोगिताओं और उनके परिणामों का पता चलता है।
समाचारपत्रों में राशिफल, कविताएँ, कहानियाँ, निबंध आदि मनोरंजक सामग्री भी प्रकाशित होती है। वास्तव में समाचारपत्र अपने युग का दर्पण होता है। उसमें झाँककर हम युगदर्शन कर लेते हैं।
समाचारपत्र विभिन्न प्रकार की विचारधाराओं का भी प्रचार एवं प्रसार करते हैं। कुछ समाचारपत्र पूँजीवादी विचारधारा के समर्थक होते हैं, तो कुछ समाजवादी विचारधारा का पोषण करते हैं। कुछ समाचारपत्र क्षेत्रीय या स्थानीय खबरों को प्रमुखता देते हैं, तो कुछ राष्ट्रीय समाचारों को। कुछ ऐसे समाचारपत्र होते हैं,।
जो अंतरराष्ट्रीय समाचारों को विशेष महत्त्व देते हैं। समाचारपत्र जनता का प्रतिनिधि होता है। वह जनता के अधिकारों की रक्षा करता है। वह अपनी निर्भीक आलोचना से सरकार की मनमानी पर अंकुश लगाने का काम करता है। वह जनता और सरकार के विचारों का निष्पक्ष विश्लेषण करता है।
समाचारपत्रों के माध्यम सकइ दशा में राजनीतिक, सामाजिक तथा सांस्कृतिक परिवर्तन हो चुके हैं। समाचारपत्रों को शक्ति एवं प्रभाव को स्पष्ट करते हुए उर्दू के कवि अकबर इलाहाबादी' ने कहा है ,खींचो न कमानों को, न तलवार निकालो, जब तोप मुकाबिल हो, तो अखबार निकालो।
हमारे देश में भी समाचारपत्रों ने समाज और देश को जागृत करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आजादी की लड़ाई में उनका योगदान बहुत ही प्रभावकारी रहा है। इस संबंध में केसरी', 'मराठा', 'आज', 'प्रताप', 'टाइम्स ऑफ इंडिया' आदि समाचारपत्रों के नाम उल्लेखनीय हैं।
समाचारपत्र प्रचार एवं विज्ञापन के सशक्त माध्यम हैं। इसलिए व्यापारियों और उद्योगपतियों के लिए उनका विशेष महत्त्व है।
आज के युग में समाचारपत्रों का उत्तरदायित्व बढ़ गया है। उनका प्रमुख दायित्व है, जनतंत्र के सजग प्रहरी बनना और जनता के अधिकारों की रक्षा करना। वे सांप्रदायिकता का जहर फैलाने के माध्यम न बनें और सामाजिक विद्वेष को रोकने का प्रयास करें। समाचारपत्रों को निष्पक्षता एवं निर्भीकतापूर्वक जनता की सेवा करनी चाहिए।
वर्तमानयुग में समाचारपत्र ही एक ऐसा साधन है, जिसके द्वारा शिक्षित समाज अपनी मानसिक भूख शांत कर सकता है। दोस्तों ये निबंध आपको कैसा लगा ये कमेंट करके जरूर बताइए ।