लाल किले पर हिंदी निबंध |Essay on Red Fort in Hindi

 

लाल किले पर हिंदी निबंध |Essay on Red Fort in Hindi

नमस्कार  दोस्तों आज हम लाल किला इस विषय पर निबंध जानेंगे। प्रस्तावना-दिल्ली का लाल किला भारत का प्राचीन ऐतिहासिक स्मारक है। यह यमुना नदी के दायें किनारे पर मौन तपस्वी के समान स्थित है। सैकड़ों वर्ष बीत जाने पर भी लालकिले की शान वैसी ही है जैसी कि आरम्भ में थी।


कब और किसने बनवाया?-लाल किले को मुगल सम्राट शाहजहाँ ने सन् 1638 ई. में लाल पत्थरों से बनवाया था। इसके बनने में कई वर्ष लगे। पर हजारों मजदूरों ने काम किया था। इसके बनवाने में उस समय लाखों रुपए खर्च हुए थे। |


क्यों बनवाया?-शाहजहाँ ने लाल किला अपने रहने तथा अपनी सुरक्षा के लिए बनवाया था। इसमें सभी प्रकार के सुख-साधन उपलब्ध थे। बनावट-लाल किले की बनावट देखने योग्य है। इसमें प्राचीन वास्तुकला का सजीव चित्रण है। 


इसकी वास्तविकता का अनुमान इसे देखकर भली-भाँति लगाया जा सकता है। इसकी बनावट कुछ इस प्रकार है। इसकी बाहरी दीवार हुत ऊँची है जो लाल पत्थरों की बनी हुई है। इसके चारों ओर चौड़ी खाई । इसके मुख्य दो द्वार हैं। 


टिकट लेकर हम मुख्य द्वार जिसे 'लाहौरी गेट' कहा आता है, से लाल किले में प्रवेश करते हैं। अन्दर इसके दोनों ओर सुन्दर दुकानेंआगे चलकर ऐसा स्थान आता है जहाँ मुगल काल में दरबार लगा करता PAT। वह 'दीवान-ए-आम' कहलाता है। इसके सामने शाहजहाँ के प्रसिद्ध महासन 'तख्त-ए-ताऊस' अर्थात् 'मयूर सिंहासन' की चौकी है। 


कभी यह मयूर सिंहासन बहुमूल्य हीरे-जवाहरातों से जड़ा हुआ था, किन्तु ब्रिटिश सरकार ने अपने शासनकाल में उन्हें निकालकर रंग-बिरंगे काँच के टुकड़े लगवा दिए थे। ऐसे ही अनेक कक्षों से गुजरकर 'दीवान-ए-खास' पहुँचा जाता है। 


वहाँ से कई बारहदरियों में से गुजरकर लाल किले की छत पर पहुँचा जाता है। इन बारहदरियों की दीवारें सुन्दर चित्रकारी से सुसज्जित हैं। वहाँ अनेक सुन्दर उद्यान विद्यमान हैं जो इस बात के साक्षी हैं कि मुगल सम्राटों को उद्यान कला से बहुत प्रेम था। 


वहीं एक ओर मुगल सम्राटों की बेगमों के स्नानगृह हैं तो दूसरी ओर उनके शृंगार कक्ष हैं। अब तो केवल उनके चिह्न मात्र ही शेष हैं। जो प्राचीन कला की याद को ताजा करते हैं। लालकिले का वर्तमान स्वरूप-आजकल भारत सरकार का इस । लालकिले पर अधिकार है। इसलिए यह दर्शकों के लिए सदैव खुला रहता है। 


इसके मुख्य द्वार की प्राचीर पर प्रति वर्ष 15 अगस्त को हमारे देश के प्रधानमंत्री तिरंगा (राष्ट्रीय ध्वज) फहराते हैं तथा जनता को संदेश देते हैं। इसके अन्दर भारतीय सेना के कुछ कार्यालय बने हुए हैं। इसके अतिरिक्त इसके एक भाग में एक अजायबघर है जिसमें पुराने जमाने के अस्त्र-शस्त्र तथा कपड़े व आभूषण आदि रखे हुए हैं।


उपसंहार-स्वतंत्र भारत में लाल किले का सम्मान बहुत अधिक बढ़ । गया है। हम प्रतिवर्ष इस पर अपना स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं। उस पर हमेशा । हमारा राष्ट्रीय ध्वज फहराता रहता है। इसमें कवि सम्मेलन तथा अन्य सैनिक कार्यक्रम भी होते रहते हैं। देश की प्राचीन संस्कृति का यह जीता जागता नमून चिरकाल तक स्थायी रहे, ऐसी हमारी अभिलाषा है। दोस्तों ये निबंध आपको कैसा लगा ये कमेंट करके जरूर बताइए ।


शब्दार्थ-स्मारक = यादगार। मौन = शान्त। उपलब्ध = मौजूद। प्राचीन = पुराने। सुसज्जित = सजे हुए। अभिलाषा = इच्छा। सदैव = . हमेशा। अस्त्र-शस्त्र = हथियार। सम्मान = आदर। चिरकाल = लम्बे समय तक।