दैनिक जीवन में विज्ञान पर निबन्ध | Essay on Science in Everyday Life in Hindi!

 

 दैनिक जीवन में विज्ञान पर निबन्ध | Essay on Science in Everyday Life in Hindi!

नमस्कार  दोस्तों आज हम  दैनिक जीवन में विज्ञान इस विषय पर हिंदी निबंध जानेंगे। विज्ञान ने मानव को बहुत कुछ दिया है। मानवीय इतिहास में, मानव जीवन में विज्ञान के आगमन से बड़ी कोई और घटना घटित नहीं हुई है। जिस समय विज्ञान का उदय हुआ था उस समय विश्व अज्ञान, दुःखों और कठिनाइयों से भरा हुआ था। 


विज्ञान ने हमारी समस्याओं को कम कर दिया। वर्तमान समय में इसके विकसित यंत्र निष्ठावान सेवक के रूप में मनुष्य के जीवन के हर क्षेत्र में उसकी सेवा करते हैं। हमारे घर, खेत और कारखानों में हमारा सेवक है और जीवन में पग-पग पर हमारी सहायता करता है। 


मानव जाति का इससे अधिक सहायक नौकर इससे पहले कोई नहीं था। परन्तु, जहाँ यह हमें विभिन्न प्रकार की सुविधाएँ प्रदान करता हैं, वहीं इसके विध्वंसकारी परिणामों को समझते हुए इसे नियंत्रित करना भी अनिवार्य हो जाता है।


विज्ञान ने हमारे दैनिक जीवन में परिवर्तन किया है। वे दिन लद गये जब केवल कुछ धनी लोग ही ऐश्वर्य की वस्तुओं का उपभोग कर सकते थे। विज्ञान ने इन्हें इतना सस्ता कर दिया है कि अब साधारण व्यक्ति की पहुंच उन तक है। विज्ञान की सहायता से माल का उत्पादन बड़े पैमाने पर होने लगा है जिससे ये वस्तुएं सस्ते मूल्यों पर बाजार में बिकती हैं। 


पुस्तकें, संगीत और मनोरंजन के अन्य सभी साधन आज हमारे लिए बहुत सुलभ हो गए हैं। रेडियो, टेलीविजन और सिनेमा ऐसे साधन हैं जिनकी सहायता से हम अपना समय आनन्दपूर्वक गुजार सकते हैं। निस्सन्देह, सामान्य व्यक्ति की जीवनधारा परिवर्तित हो चुकी है।


चिकित्सा के क्षेत्र में विज्ञान का सहयोग अद्वितीय है। महामारियों को नियत्रंण में रख सकते हैं जिसका परिणाम यह है कि चेचक, हैजा तथा प्लेग आदि के विनाश से अब मानवता अपने आपको सुरक्षित पाती है। विज्ञान की सहायता से हम उन कीटाणुओं को नष्ट कर सकते हैं जो ऐसे भयानक रोग फैलाते हैं। 


आज, सम्भवतः, एक-दो रोगों को छोड़कर, कोई ऐसा रोग नहीं है जिसको असाध्य अब रोग की संज्ञा दिया जाए।विभिन्न परिवहन तथा यातायात संबंधी समस्याएँ भी काफी सीमा तक नवीन वैज्ञानिक अनुसंधानों के द्वारा समाप्त हो गई हैं। विज्ञान ने समय और दूरी पर विजय पा ली है। 


वनों और मरुस्थलों को भी गाड़ियां सुरक्षित रूप से पार कर जाती हैं। मनुष्य तेज गति और सुरक्षित रूप से यात्रा कर सकता है। हवाई जहाज एक घण्टे में सैकड़ों किलोमीटर की दूरी लय कर लेते हैं। आप सुबह का नाश्ता कश्मीर में, दोपहर का खाना लन्दन में और उसी रात का भोजन न्यूयार्क में कर सकते हैं। 


महीनों और वर्षों का काम अब कुछ घण्टों में पूरा हो जाता है। पाकशास्त्र की जटिल प्रक्रिया भी वर्तमान वैज्ञानिक शोधों तथा आधुनिक उपकरणों के कारण सरल हो गयी है। यदि देखा जाये तो रसोई के सारे कार्य बिजली की सहायता से किये जा सकते हैं जिससे खाना पकाना बहुत आसान हो गया है। 


परन्तु इसमें सावधानी भी रखनी चाहिए। गन्दगी और धुएँ के बिना भी खाना बनाया जा सकता है। कपड़े धोने, निचोड़ने तथा सुखाने और फर्श आदि को साफ करने में भी बिजली गृहणी की सहायता करती है।


गृहणी को आज विज्ञान के प्रति सबसे अधिक आभारी होना चाहिए क्योंकि इसने उसके बहुत से काम आसान कर दिए हैं और उसे विश्राम करने, अध्ययन करने तथा अपने बच्चों की बेहतर देखभाल करने के लिए अधिक समय दे दिया है।


श्रमिकों की समस्यओं का भी काफी सीमा तक समाधान हुआ है। घटिया से घटिया कामों को विज्ञान ने अपने हाथ में ले लिया है। अब मजदूरों को कोयले की खानों की खुदाई में परिश्रम नहीं करना पड़ता। प्रत्येक कारखाना उन सुख और सुविधाओं का जीता-जागता स्वरूप है जो विज्ञान ने हमें मुहैया कराया है।


छपाई के क्षेत्र में भी आधुनिक तकनीक ने आमूलचूल परिवर्तन किया है। मानव के अज्ञान को मिटाने के लिए इसने असंख्य साधन पैदा कर दिए हैं। समाचारपत्र, रेडियो और टेलीविजन के माध्यम से विश्व के कोने-कोने की खबरें हमें मिलती रहती हैं जिससे अज्ञान और अन्ध-विश्वास मिटता जा रहा है। 


अब सीधे-सादे सामान्य व्यक्ति को कोई चालबाज व्यक्ति धोखे से ठग नहीं सकता। जहाँ इससे विभिन्न प्रकार का लाभ है वहीं इसके नकारात्मक पक्ष भी है। इस समय हथियारों के क्षेत्र में विध्वंसकारी विस्फोटकों के आविष्कार व निर्माण हेतु मानव ने विज्ञान का दुरूपयोग कर अपना सबसे बड़ा अहित किया है। 


यद्यपि बारूद के आविष्कार को बहुत बड़ी उपलब्धि समझा गया था परन्तु मानवता के लिए वह दिन बहुत भयानक था जब इस का आविष्कार हुआ था। बारूद का प्रयोग धीरे-धीरे और बड़ी बेरहमी से युद्ध के सैकड़ों नये-नये विनाशकारी हथियारों के निर्माण के लिए किया जाने लगा। बढ़ते आतंकवाद के वातावरण में इस प्रकार के तत्वों पर नियंत्रण अनिवार्य हो गया है।


अब हमारे सामने वह युग है जब परमाणु ऊर्जा से शक्ति उत्पन्न की जा रही है। अब या तो पूर्ण विनाश होगा या ऐसा युग आयेगा जब यह शक्ति मानव के श्रम को बहुत हल्का करके, विश्व भर में उसके रहन-सहन के स्तर को बहुत ऊँचा कर देगी। अतः हमें अपनी विचारधारा में परिवर्तन लाना होगा। दोस्तों ये निबंध आपको कैसा लगा ये कमेंट करके जरूर बताइए ।