शिक्षा व मनोरंजन का माध्यम: दूरदर्शन पर हिंदी निबंध | Essay on Television : Medium of Education and Entertainment in Hindi

 

 शिक्षा व मनोरंजन का माध्यम: दूरदर्शन पर हिंदी निबंध | Essay on Television : Medium of Education and Entertainment in Hindi

नमस्कार  दोस्तों आज हम शिक्षा व मनोरंजन का माध्यम: दूरदर्शन इस विषय पर हिंदी निबंध जानेंगे। आधुनिक मानव की विकासधारा में शिक्षा के साथ-साथ मनोरंजन के क्षेत्र में होने वाले विज्ञान के विभिन्न चमत्कारों में टेलीविजन का प्रमुख स्थान है। 


इसने मानव के दृष्टिकोण को ही बदल दिया है और आज यह मानव का एक विश्वासपात्र सेवक बन गया है। जे.एल.बेयर्ड, टेलीविजन का आविष्कार करने वाले वैज्ञानिक, की मानवता आभारी रहेगी जिसने इस कार्य को सम्भव बना दिया है कि हम अपने घर बैठे ही टेलीविजन के स्क्रीन पर लोगों को घूमते, बोलते, साँस लेते और जीवन के अन्य सभी क्रिया-कलाप करते देख सकते हैं। 


आज शिक्षा के माध्यम के रूप में और सामाजिक तथा नैतिक क्षेत्र में टेलीविजन का महत्त्व बहुत अधिक बढ़ा है।टेलीविजन दो शब्दों से बना एक संयुक्त शब्द है। 'टेली' का अर्थ है दूर तथा 'विजन' का तात्पर्य है देखना। 


दूसरे शब्दों में, टेलीविजन दूर की वस्तु को बिल्कुल पास से देखने का एक सशक्त माध्यम है। कुछ हद तक यह रेडियो का विकसित रूप है। रेडियो के द्वारा हम गानों, भाषणों और नाटकों को केवल सुन ही सकते हैं, जबकि टेलीविजन द्वारा हम इनमें भाग लेने वाले, लोगों को न केवल सुन सकते हैं अपितु प्रत्यक्ष रूप से अपने सामने देख भी सकते हैं।


मानव मस्तिष्क में उन सूचनाओं का अधिक संग्रह होता है, जिसकी प्रकृति श्रव्य होने के साथ-साथ दृश्य भी होती है, इसका प्रमुख कारण यह है कि इस समय हम पूरी तरह से विषय विशेष पर केन्द्रित होते हैं। आजकल तो विभिन्न विश्वविद्यालयों में विभिन्न विषयों पर शैक्षणिक कार्यक्रम भी दूरदर्शन पर प्रसारित किए जाते हैं। 


विद्यार्थी टेलीविजन के पाठों से बहुत कुछ सीख सकते हैं, क्योंकि टेलीविजन में प्रस्तुत किये गये पाठ बड़े योग्य अध्यापकों द्वारा तैयार किये जाते हैं जिन्हें अपने लम्बे अनुभव से उन सभी कठिनाइयों का पता होता है जो प्रायः विद्यार्थियों के सामने आती हैं। 


इन पाठों के विषयों को जब ध्यानपूर्वक टेलीविजन पर देखा जाता है तो इनकी सूचनाओं का दर्शकों के मन और मस्तिष्क पर अपेक्षाकृत अधिक प्रभाव पड़ता है। निरक्षरों के लिए भी यह ज्ञान का सशक्त माध्यम है क्योंकि शिक्षा का कोई भी अन्य साधन एक साथ बड़ी संख्या में लोगों को शिक्षित नहीं कर सकता। 


कषि की विकसित तकनीकों, स्वास्थ्य और सफाई तथा इतिहास और भूगोल के बुनियादी सिद्धान्तों को तो टेलीविजन के माध्यम से, लोगों को, गाँवों में अपने घर बैठे और श्रमिकों को फैक्ट्रियों में भी बताया जा सकता है और उन्हें वांछित सूचना दी जा सकती है।


कभी-कभी व्यक्ति विभिन्न प्रकार के मानसिक तनावों में रहता है, ऐसे समय में एकान्त में रहना उसके लिए यदि असम्भव नहीं तो कठिन अवश्य हो जाता है। इस समय में दूरदर्शन के माध्यम से वह अपने समय को व्यवस्थित करते हुए कुछ ऐसे प्रायोजित कार्यक्रम देख सकता है जो तनाव कम करने में सहायक होते हैं।


अन्तरिक्ष के इस युग में इन्सेट और अन्य संचार उपग्रहों के छोड़े जाने से टेलीविजन को और बढ़ावा मिला है और अब इसका स्वरूप सचमुच ही अन्तर्राष्ट्रीय हो गया है। यह अन्तर्राष्ट्रीय सीमाएँ पार कर गया है। 


इसने लोगों को इस योग्य बना दिया है कि वे विश्व के दूसरे किनारे पर होन वाली घटनाओं को अपनी आँखों से देख सकते हैं जिससे सारा विश्व सिमट कर बहुत छोटा हो गया है। निःसन्देह, आज टेलीविजन मानव के चतुर्दिक विकास के लिए शक्तिशाली साधन बन गया है। दोस्तों ये निबंध आपको कैसा लगा ये कमेंट करके जरूर बताइए ।