गणेश चतुर्थी पर निबंध हिंदी में | Ganesh Chaturthi Essay In Hindi

 

 गणेश चतुर्थी पर निबंध हिंदी में | Ganesh Chaturthi Essay In Hindi

नमस्कार  दोस्तों आज हम गणेश चतुर्थी इस विषय पर हिंदी निबंध जानेंगे। मनुष्य के जीवन में धर्म का विशेष स्थान है। भारत तो धर्मभूमि ही है। यहाँ के लगभग सभी पर्व किसी-न-किसी देवता से संबंधित हैं। गणेशोत्सव गणेशजी का खास पर्व है। इसे महाराष्ट्र में लोकमान्य टिळक ने शुरू कराया था। 


अब तो सारे देश में इस पर्व को बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। गणेशजी हमारे यहाँ मांगलिक देवता के रूप में पूजे जाते हैं। गणेशजी को विघ्नहर्ता, सुखकर्ता और दुखहर्ता माना जाता है। सभी शुभ कामों में सबसे पहले गणेशजी की ही पूजा की जाती है। 


गणेशोत्सव इन्हीं गणेश या गणपति की सार्वजनिक उपासना का उत्सव है। गणेशोत्सव भादों महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से चतुर्दशी तक मनाया जाता है। महाराष्ट्र का गाँव-गाँव, नगर-नगर गणपति की महिमा से गूंज उठता है ।


चतुर्थी को लोग बड़ी धूम-धाम से गाजे-बाजे के साथ गणेशजी की मूर्तियों को लाते हैं और घरों या सार्वजनिक मंडपों में उसकी स्थापना करते हैं। इन मंडपों की सजावट दर्शनीय होती है। मंच पर गणेश-चरित्र के दृश्य बनाए जाते हैं। प्रतिदिन सुबह-शाम गणेशजी की पूजा-आरती होती है और प्रसाद बाँटा जाता है। 


लाउडस्पीकरों पर गणेशजी के भजन गूंजते रहते हैं। कहीं-कहीं कथा-प्रवचन या संगीत के विशेष कार्यक्रम भी होते हैं। गणपति की मूर्तियों का विसर्जन अनंत चतुर्दशी के दिन होता है। कुछ लोग अपनी अनुकूलता के अनुसार इसके पहले भी विसर्जन करते हैं। 


पूजन के बाद गणेश-प्रतिमाओं का विसर्जन समुद्र, नदी या तालाब में किया जाता है। लोग जुलूस में ढोलक-मँजीरे आदि बजाते हुए प्रतिमाओं का विसर्जन करने के लिए जाते हैं। 


रास्ते में अबीर-गुलाल उड़ाया जाता है। 'गणपति बाप्पा मोरया, पुढच्या वर्षी लवकर या' नारे से वातावरण गूंज उठता है। इस अवसर पर पुलिस की विशेष व्यवस्था रहती है। विसर्जन का दृश्य बड़ा भावमय होता है। हे मंगलमूर्ति विनायक, हमें आशीर्वाद दो कि हम हर साल आपका स्वागत करते रहें। दोस्तों ये निबंध आपको कैसा लगा ये कमेंट करके जरूर बताइए ।