यदि बरसात नहीं होती पर निबंध If There Were No Rain Essay In Hindi

 

यदि बरसात नहीं होती पर निबंध If There Were No Rain Essay In Hindi

नमस्कार  दोस्तों आज हम यदि बरसात नहीं होती इस विषय पर हिंदी निबंध जानेंगे। तो हमें पीने का पानी नहीं मिलता। खेतों में अनाज नहीं पैदा होता। पेड़-पौधे सूख जाते। जीव-जंतु प्यास से तड़पने लगते। चारों ओर त्राहि-त्राहि मच जाती। 


हमारे जीवन में पानी का बहुत महत्त्व है। और जल मिलने का प्रमुख साधन वर्षा है। सोचिए, यदि बरसात न होती, तो क्या होता? कुओं, झीलों, सरोवरों तथा नदियों में बरसात का ही पानी आता है। बरसात न होती, तो इनमें पानी कहाँ से आता? कुओं का पानी खत्म हो जाता। 


झीलें, नदियाँ, सरोवर आदि सूख जाते। पानी की खोज में लोग दर-दर भटकते रहते। पशु-पक्षियों का जीना मुश्किल हो जाता। मनुष्य को खाने के लाले पड़ जाते। वर्षा की फुहार आनंद की बहार लेकर आती है। बरसात होते ही भीषण गर्मी शांत हो जाती है। वातावरण सुहाना हो जाता है। 


वनस्पतियों को जैसे नया जीवन मिलता है। नदियाँ, झील, सरोवर आदि छलक उठते हैं। यही पानी रिसकर जमीन के अंदर पहुँचता है। इससे कुओं के पानी का स्तर बढ़ता है। बरसात के पानी से खेतों की सिंचाई होती है और फसलें तैयार होती हैं। 


यदि बरसात न होती, तो पेड़-पौधे सूख जाते। बगीचे वीरान हो जाते। चारों तरफ सूखा ही सूखा होता। कहीं कोई रौनक नहीं होती। न कोयल के 'कुहू कुहू ' के मधुर स्वर सुनाई देते और न ही पपीहे की 'पी-पी' की पुकार होती।


यदि बरसात न होती, तो कवियों और कलाकारों को अपनी रचनाओं के लिए प्रेरणा कहाँ से मिलती? आसमान में इंद्रधनुष के दर्शन कैसे होते? पानी के अभाव में बिजली का उत्पादन कैसे होता? बड़े-बड़े कारखाने कैसे चलते? बिजली के लटू हमारे घरों में कैसे जगमगाते? वर्षा ही तो हमारे जीवन का आधार है। यदि बरसात न हो, तो यह हरा-भरा संसार वीरान हो जाए। दोस्तों ये निबंध आपको कैसा लगा ये कमेंट करके जरूर बताइए ।