जनसंख्या विस्फोट पर हिंदी निबंध | jansankhya visphot par hindi nibandh

 

जनसंख्या विस्फोट पर हिंदी निबंध | jansankhya visphot par hindi nibandh


नमस्कार  दोस्तों आज हम जनसंख्या विस्फोटइस विषय पर निबंध जानेंगे। आज हमारे देश के सामने जो अनेक गंभीर समस्याएँ हैं उनमें एक महत्त्वपूर्ण समस्या हैजनसंख्या। अनेक उपायों के बावजूद जनसंख्या कम होने के बदले दिनोंदिन बढती ही जा रही है। देश की उन्नति में इससे भारी रुकावट तथा अवरोध उत्पन्न होता है। बढती आबादी देश के लिए एक सिरदर्द बन गया है। जनगणना के अनुसार आज भारत की आबादी एक अब्ज की सीमा पार कर चुकी है। देश की प्राकृतिक तथा मानवीय साधनों की तुलना में यह जनसंख्या निश्चित रूप से कई गुना अधिक है। विज्ञान और तंत्रविद्या से जो तरक्की हुई, उसे बढ़ती आबादी ने स्वाहा कर लिया और देश की उन्नति की गाडी जहाँ की तहाँ अडी हुई है। आजादी मिलकर एक जमाना गुजरा लेकिन आज भी हमारा देश विकसनशील देशों में एक है। यहाँ विकास होता है लेकिन बढती आबादी के कारण विकास से प्राप्त होने वाले लाभ कम ही है। जनसंख्या वृद्धि के अनेक कारण हैं। कम आयु में विवाह, उष्ण जलवायु, अत्यधिक निर्धनता, अशिक्षा, अंध-विश्वास, अज्ञान आदि प्रमुख कारण हैं। छोटी आयु में विवाह के कारण जनन गतिविधियों की अवधि बढ जाती है। उष्ण जलवायु के कारण यौवनारंभ जल्दी होता है। दरिद्रता और अंधविश्वास के कारण बच्चे ईश्वर की देन मानी जाती हैं। पुत्र की चाह में भी जनसंख्या बढती रहती हैं। बढ़ती जनसंख्या के कारण देशवासी आज भी अच्छे लाभों से वंचित रहते हैं। अनाज का उत्पादन जितना बढता है उससे अधिक जनसंख्या में वृद्धि होती हैं। इसलिए दूसरे देशों से अनाज की आयात करनी पड़ती है। इसी प्रकार की अनेक जटिल समस्याएँ निर्माण होती हैं। खाद्यान्न, उपभोग्य वस्तुओं, कपडे, आवास, शिक्षा की व्यवस्था आदि पर गंभीर असर होता है। शहरों में मकानों की गंभीर समस्या है। बढती जनसंख्या के लिए अनाज, तेल, मकान, कपडा, पानी, अस्पताल, यातायात आदि की आवश्यकता होगी।

इनकी माँग बढती रहेगी। इनके लिए पैसा, साधनसामग्री कहाँ से आयेगी ? अधिक जनसंख्या के लिए रोजगार कहाँ से निर्माण करेंगे ? योग्यता के अनुकूल रोजगार तथा जरूरी चीजें न मिलने से गुंडागर्दी, चोरी, डकैती, आत्महत्या, जघन्य अपराध जैसे गुनाहों में वृद्धि होगी।

इससे देश की उन्नति में बाधा पडेगी। शांति, समाधान तथा स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ेगा। सर्वत्र अशांति तथा निराशा का माहौल बढेगा। देश की एकता खतरे में आयेगी, असंतोष फैलेगा, आंदोलन बढेंगे। शासन कमजोर होकर राजनीतिक समस्याएँ बढेगी।

देश की एकता तथा स्वतंत्रता भी खतरे में आयेगी।बढती जनसंख्या को रोकने के लिए अनेक कारगर उपाय करना जरूरी है। शासन तथा व्यक्तिगत स्तर पर जाग्रति हो इस गंभीर संकट का मुकाबला करें।

प्रौढ शिक्षा, परिवार नियोजन, सेक्स एज्युकेशन, स्वास्थ्य संबंधि जाग्रति, बालविवाह तथा अल्प आयु विवाह पर रोक लगाना जैसे अनेक उपायों से जनसंख्या पर रोक लगाकर इस गंभीर समस्या का समाधान ढूँढा जा सकता दोस्तों ये निबंध आपको कैसा लगा ये कमेंट करके जरूर बताइए ।