खेल के महत्व पर हिंदी निबंध | Khel Ka Mahatva Par Hindi Nibandh

 

खेल के महत्व पर हिंदी निबंध | Khel Ka Mahatva Par Hindi Nibandh

नमस्कार  दोस्तों आज हम  खेल के महत्व इस विषय पर निबंध जानेंगे। एक स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन की कल्पना की जा सकती है। शरीर और मन में चोलीदामन का संबंध है। यदि शरीर के अंग स्वस्थ, सक्रिय और लचीले होंगे केवल तभी हम अपने कर्तव्यों को ठीक तरह से निभा पायेंगे। 


अंगों को ठीक रखने का सबसे अच्छा उपाय खेल और व्यायाम ही है। शारीरिक और मानसिक निरोगता के लिए खेलों और व्यायाम का महत्त्व निर्विवाद है। प्राचीन काल में भी खेलों को अत्यधिक महत्त्व दिया जाता था। प्रसिद्ध ऑलिंपिक खेलें, जो हर चार वर्ष के बाद खेली जाती थी, इस बात का अच्छा प्रमाण है। 


1896 से इन खेलों को फिर से शुरू किया गया है। खेलों से शरीर के साथ-साथ मन को भी लाभ प्राप्त होता है। हर खेल में कोई न कोई कौशल अवश्य होता है। कौशल एक मानसिक गुण है। अत: कौशल के विकास के साथ-साथ मनोविकास भी होता है। 


खाली समय को बिताने के लिए खेले एक अत्युत्तम साधन हैं। अधिकांश खेलों पर अधिक व्यय भी नहीं होता। टेनिस, फुटबॉल, कबड्डी जैसे खेल, अधिक व्यय किए बिना खेलकर हम अपनी शाम को प्रसन्नतापूर्वक गुजार सकते हैं।


खेल हमारे अंदर अनुशासन और इमानदारी की भावना भर देते हैं। खेलों में गलतियों के लिए दंड का प्रावधान है। कोई खिलाडी गलत खेलता है या छल करता है, तो उस खिलाडी के अलावा साथ-साथ सारे टीम को दंडित किया जाता है। इसी प्रकार प्रत्यक्ष जीवन में भी ईमानदारी, सच्चाई, अनुशासन जैसे गुणों को प्रदर्शित करने चाहिए। 


खेलों में सभी खिलाडियों को अपनी कप्तान की बात माननी पडती है। कप्तान पर पूर्ण भरौसा रखना पड़ता है। जीवन में भी अपने से वरिष्ठ की बात माननी चाहिए। भले ही तुम उस बात से सहमत न हो। अनुशासन का आदर करना खिलाडी का प्रथम कर्तव्य है।


खेलों से हमारे अंदर परस्पर सहयोग तथा एकता की भावना उत्पन्न होती है। कोई भी खेल बिना आपसी सहयोग के जीत पाना असंभव है। सहयोग में बडी ताकत होती है। खिलाडीपन का अभिप्राय है, हार-जीत को समान भाव से अपनाना। हारने वाले को विजेता के प्रति कोई ईर्ष्या या वैरभाव नहीं होना चाहिए। 


हार से खिलाडी कभी निराश नहीं होता। खेलों से इस प्रकार स्वस्थ प्रतियोगिता की भावना का विकास होता है। आंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के माध्यम से विभिन्न देशों के खिलाडी एक-दूसरे के संपर्क में आते हैं। अतएव खेलों से अन्तर्राष्ट्रीय सद्भाव और मित्रता को बढावा मिलता है।


हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए खेल अनिवार्य हैं। खेलों से न केवल शरीर को रूप और शक्ति मिलती है ; बल्कि उनसे ईमानदारी, अनुशासन, खिलाडीपन, सच्चाई तथा पारस्परिक सहयोग जैसे सद्गुण भी उत्पन्न होते हैं। अत: खेलों का मात्र मनोरंजन के अतिरिक्त भी बहुत महत्त्व है। दोस्तों ये निबंध आपको कैसा लगा ये कमेंट करके जरूर बताइए ।