मेरा अनोखा सपना पर निबंध | Mera anokha sapna essay in hindi
नमस्कार दोस्तों आज हम मेरा अनोखा सपना इस
विषय पर हिंदी निबंध जानेंगे। जब हम रात को गहरी नींद में होते हैं तब
अकसर हमें सपने दिखाई देते हैं। कुछ दिन पहले मैंने नींद में एक बड़ा अजीब
सपना देखा था।
मैंने सपने में देखा कि चाँदनी रात है।
मैं एक बड़ी नदी के किनारे खड़ा
हूँ। नदी धीरे-धीरे बह रही है। मैं नदी में जलविहार करना चाहता हूँ। उसी
समय सजी हुई एक सुंदर नाव नदी के किनारे आकर रुकती है। उसमें एक बौना नाविक
है। उसके हाथ में टी.वी. के रिमोट कंट्रोल जैसा एक यंत्र है। उसकी वेशभूषा
बहुत विचित्र है।
मैं नाव में बैठना चाहता हूँ,
पर हिम्मत नहीं होती। इतने में बौना नाविक कहता है, "डरो मत। नाव पर आ
जाओ। मैं तुम्हें लेने के लिए ही आया हूँ।" मैं नाव पर चढ़ जाता हूँ। बौना
नाविक मेरा अभिवादन करता है।
नाव धीरे-धीरे आगे बढ़ती है। थोड़ी
देर बाद नाव एक चट्टान के पास आती है। बौना नाविक नाव रोक देता है और मुझे
चट्टान पर चढ़ने के लिए कहता है। चट्टान पर एक जलपरी बैठी हुई है। जलपरी
के शरीर का ऊपरी हिस्सा एक औरत जैसा और नीचे का हिस्सा मछली के आकार का है।
वह मेरा स्वागत करती है।
वह मुझे अपने पूर्वजन्म की कहानी
सुनाती है। जलपरी मुझे एक फल देती है। उस फल का स्वाद बहुत मधुर होता है।
उसकी आज्ञा से एक मछली मेरे पास आती है और अपने मुँह से मोतियों का एक
सुंदर हार निकालकर जलपरी को देती है।
जलपरी वह हार मुझे पहनाती है।
वह बौने को मुझे वापस नदी के किनारे पहुँचाने का आदेश देती है। जैसे ही
मैं नाव में बैठता हूँ पिता जी की आवाज आती है और मेरी आँखें खुल जाती हैं!
मैं नाव के बदले अपने को पलंग पर पाकर आश्चर्य में पड़ जाता हूँ! दोस्तों
ये निबंध आपको कैसा लगा ये कमेंट करके जरूर बताइए ।