मेरा प्रिय पक्षी मोर हिंदी निबंध | Mera Priya Pakshi Mor Hindi Nibandha
नमस्कार दोस्तों आज हम मेरा प्रिय पक्षी मोर इस विषय पर निबंध जानेंगे। हमारे देश में तरह-तरह के पक्षी पाए जाते हैं। हर एक पक्षी की अपनी-अपनी विशेषताएँ होती हैं। कोई देखने में सुंदर होता है, तो किसी की आवाज मीठी होती है। किंतु सभी पक्षियों में मुझे मोर विशेष प्रिय है।
वह भारत का राष्ट्रीय पक्षी भी है। मोर देखने में बड़ा सुंदर और शानदार लगता है। उसके पंख बड़े और रंग-बिरंगे होते हैं। उनकी हरी-नीली छटा हमारा मन मोह लेती है। मोर के सिर पर की कलगी राजमुकुट जैसी लगती है। मोर की आवाज को 'केकारव' कहते हैं।
मोर को हरा-भरा शांत स्थान अच्छा लगता है। इसलिए वह वनों और बागों में रहता है। खेत और खलिहान भी उसके प्रिय स्थान हैं । मोर का शरीर मोटा और भारी होता है। इसलिए वह ज्यादा ऊँचाई पर नहीं उड़ सकता। वह पेड़ की निचली डालियों पर ही बैठता है।
वर्षा ऋतु मोर की प्रिय ऋतु है। आकाश में बरसाती बादलों के घिर आने पर उसे बहुत खुशी होती है। इस खुशी में वह अपने पंख फैला देता है और जी भरकर नाचता है। नाचता हुआ मोर बहुत ही सुंदर दिखाई देता है। उसके पंखों की हरी-नीली छटा मन मोह लेती है।
उस समय मोरनी भी उसे देखकर आनंदित हो उठती है। मोर मांसाहारी पक्षी है । वह साँप, चूहे, मेढक तथा अन्य जीवजंतु खाता है। खेतों में रहनेवाले चूहों को खाकर वह हमारी फसलों की रक्षा करता है।
मोर एक उपयोगी पक्षी है। उसके पंखों से पंखे, मुकुट आदि अनेक चीजें बनती हैं। भगवान श्रीकृष्ण मोर के पंखों का मुकुट पहनते थे। इतना सुंदर, गुणी और उपयोगी होने के कारण ही मोर मेरा प्रिय पक्षी है। दोस्तों ये निबंध आपको कैसा लगा ये कमेंट करके जरूर बताइए ।