मेरा प्रिय पशु हिंदी निबंध | MERA PRIYA PASHU NIBANDH IN HINDI
नमस्कार दोस्तों आज हम मेरा प्रिय पशु इस विषय पर निबंध जानेंगे। दुनिया में तरह-तरह के पशु पाए जाते हैं। सबकी अपनी-अपनी विशेषताएँ होती हैं। परंतु सभी पशुओं में घोड़ा मेरा प्रिय पशु है।
घोड़ा एक शानदार जानवर है। उसकी चुस्ती-फुर्ती की बात ही निराली है। ऐसा लगता है कि उसके पैर तो मानो विधाता ने दौड़ने के लिए ही बनाए हैं। कहते हैं, समुद्रमंथन हुआ था तो उसमें से उच्चैःश्रवा नामक एक सुंदर घोड़ा निकला था। सूर्य भगवान के रथ को सात घोड़े खींचते हैं।
घोड़ा शाकाहारी पशु है। घास, चना और गुड़ घोड़े की प्रिय खुराक है। घोड़ा बहुत मजबूत और बहादुर होता है। पुराने जमाने में योद्धा घोड़े पर सवार होकर युद्ध में जाते थे। घोड़े भी युद्ध के मैदान में अपने जौहर दिखाते थे।
घोड़ा एक स्वामिभक्त पशु है। वह अपने मालिक को बहुत चाहता है। अपने मालिक की रक्षा के लिए वह अपनी जान तक कुरबान कर देता है। महाराणा प्रताप के घोड़े 'चेतक' की स्वामिभक्ति कौन नहीं जानता? नेपोलियन और सिकंदर के घोड़े भी अपनी वफादारी के लिए मशहूर हैं।
आज आवागमन के लिए साइकिल, मोटर, स्कूटर, बस, रेल तथा विमान जैसे साधन हैं, परंतु हजारों वर्षों तक घोड़ा मनुष्य का प्रिय वाहन रहा है। साधारण सवारी से लेकर युद्ध के मैदान तक घोड़े ने आदमी का साथ निभाया है। आज भी बग्घी या ताँगे में घोड़े को जोता जाता है।
पोलो जैसे शाही खेल घोड़े की पीठ पर बैठकर ही खेले जाते हैं । सरकस में घोड़े के विविध करतब देखकर लोग आश्चर्यचकित हो जाते हैं। आज के जमाने में घुड़दौड़ केवल मनोरंजन का साधन ही नहीं,
एक अच्छा व्यवसाय भी है। ऐसा उपयोगी, शानदार और स्वामिभक्त घोड़ा मेरा प्रिय पशु क्यों न हो? दोस्तों ये निबंध आपको कैसा लगा ये कमेंट करके जरूर बताइए ।