मेरी माँ मेरी माँ एक सीधी-सादी महिला है। वह बड़े सबेरे उठती है। वह नहा-धोकर रोज पूजा-पाठ करती है। बाद में वह मुझे और मेरी छोटी बहन को प्यार से जगाती है।
इधर हम स्कूल के लिए तैयार होते हैं और उधर माँ हमारे लिए नाश्ता तैयार करती है। माँ के हाथ का बना गरमागरम नाश्ता मुझे बहुत अच्छा लगता है।
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मेरी माँ घर में सभी चीजों को ढंग से रखती है। उसके कारण हमारा घर हमेशा साफ-सुथरा और व्यवस्थित रहता है। मेरी माँ घर के सभी कामों में कुशल है। वह सिलाई और बुनाई में भी निपुण है। वह ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं है, पर हिसाब-किताब में कुशल है। वह पड़ोसियों की भी मदद करती है। मेरे मित्रों के साथ भी उसका व्यवहार स्नेहभरा होता है।
सचमुच, मेरी माँ स्नेह की मूर्ति है। सभी लोग मेरी माँ की तारीफ करते हैं।