मेरी प्रिय ऋतु हिंदी निबंध | MERI PRIYA RITU NIBANDH
नमस्कार दोस्तों आज हम मेरी प्रिय ऋतु इस विषय पर निबंध जानेंगे। हमारे देश में मुख्य रूप से तीन ऋतुएँ हैं - ग्रीष्म (गर्मी), वर्षा और सर्दी या जाड़ा। किसीको एक ऋतु पसंद है, तो किसी को दूसरी ।
इन ऋतुओं में मुझे सर्दी या जाड़े की ऋतु सबसे अधिक पसंद है।जाड़े में दिन छोटे और रातें बड़ी होती हैं। बड़ी रातें ठंडी होती हैं। इन ठंडी रातों में सोने का अपना आनंद होता है। रजाई और कंबल में दुबकना बहुत अच्छा लगता है।
धूप फैलने पर भी पलंग या चारपाई छोड़ने का मन नहीं होता। जाड़े के दिन भी बड़े सुहावने होते हैं। हमें परेशान करनेवाली गर्मी जाड़े में कहीं अदृश्य हो जाती है। शरीर पसीने से लथ-पथ होने से बच जाता है। शरीर में फुर्ती और मन में उत्साह रहता है।
काम करने में खूब मन लगता है और थकावट नहीं आती। सुबह-शाम स्वेटर पहनकर ही बाहर निकलना पड़ता है।जाड़े में गाँव में घर-घर अलाव जलता हैं। लोग अलाव को घेरकर बैठ जाते हैं। लोग अलाव तापते-तापते भुने हुए आलुओं का स्वाद भी लेते हैं।
उस समय दुनिया भर की चर्चा होती है। जाड़ा वास्तव में खाने-पीने और खेलने की ऋतु है। इस ऋतु में जठराग्नि काफी तेज रहती है। दूध, घी, रबड़ी, मलाई और मावे की मिठाइयाँ इस ऋतु में अच्छी लगती हैं।
इस ऋतु में बाजार में सेब, अंगूर, संतरा, मोसंबी आदि फल खूब आते हैं। हमारे देश में क्रिकेट तथा फुटबाल आदि खेल इस ऋतु में विशेष रूप से खेले जाते हैं। पर्यटन या प्रवास का सच्चा आनंद इसी ऋतु में मिलता है।
जाड़ा उत्साह और उमंग की ऋतु है। मैं जाड़े में खूब खेलता हूँ। पिकनिक पर जाने का आनंद लेता हूँ। यह मेरी प्रिय ऋतु है। मैं हर साल जाड़े की ऋतु का इंतजार करता रहता हूँ। दोस्तों ये निबंध आपको कैसा लगा ये कमेंट करके जरूर बताइए ।