मीठी वाणी बोलिए पर निबंध | mithi vani boliye essay in hindi

 

 मीठी वाणी बोलिए पर निबंध | mithi vani boliye essay in hindi 

नमस्कार  दोस्तों आज हम  मीठी वाणी बोलिए इस विषय पर हिंदी निबंध जानेंगे। मनुष्य के जीवन में जीभ का बड़ा महत्त्व है। जीभ केवल स्वाद ही नहीं लेती, वह बोलने में भी काम आती है। जीभ न होने पर आदमी बोल नहीं सकता। वह जीभ के बिना अपने विचार प्रकट नहीं कर सकता। 


वह दूसरों के प्रश्नों के उत्तर नहीं दे सकता। प्राणियों में केवल मनुष्य ही बोल सकता है। शब्दों में अपने मन की बातें प्रकट करना मनुष्य की सबसे बड़ी विशेषता है। परंतु केवल बोलना ही काफी नहीं है। हमारी बोली मीठी भी होनी चाहिए। मीठी बोली सबको पसंद आती है। 


दफ्तर, बैंक, पाठशाला, बाजार आदि सभी जगहों पर मीठी बोली काम आती है। दूकानदार मीठी जबान से अपने ग्राहकों को खुश करता है। डाक्टर की मीठी बोली से मरीज को बड़ी राहत मिलती है । 


मीठी बोली बोलनेवाले विद्यार्थी पर उसके अध्यापक प्रसन्न रहते हैं। मीठी वाणी से लड़ाई-झगड़े टल सकते हैं और आपस के संबंधों में कड़वाहट नहीं आती। का कड़वी बोली को कोई पसंद नहीं करता । कटु भाषा बोलनेवाले दुकानदार के पास कोई ग्राहक नहीं जाता। 


घर में कटु वचन बोलने से परिवार में कलह होता है। कोयल और पपीहा मीठी बोली बोलते हैं, इसलिए सब लोग उन्हें पसंद करते हैं। कौए की कर्कश आवाज के कारण लोग उसे भगा देते हैं।


मनुष्य की उन्नति या अवनति में उसकी वाणी का बड़ा महत्त्व है। इसलिए हमें बोलने में सावधानी रखनी चाहिए। मीठी बोली आदमी की समझदारी, नम्रता और व्यवहार-कुशलता प्रकट करती है। इस गुण से व्यक्ति की प्रगति होती है।


लोगों का दिल जीतने का एक ही मंत्र है - हम सबसे मधुर भाषा में वार्तालाप करें और कड़वी वाणी त्याग दें। तुलसीदासजी ने सच ही कहा है :


"तुलसी मीठे वचन ते सुख उपजत चहुँ ओर । 

बसीकरन इक मंत्र है, तज दे वचन कठोर ।।"

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