मेरी प्रिय ऋतु वसंत हिंदी निबंध | My Favourite Season Essay in Hindi

 

मेरी प्रिय ऋतु वसंत हिंदी निबंध | My Favourite Season Essay in Hindi

नमस्कार  दोस्तों आज हम मेरी प्रिय ऋतु वसंत इस विषय पर निबंध जानेंगे। इस लेख मे कुल २ निबंध दिये गये हे जिन्‍हे आप एक -एक करके पढ सकते हे । साल में 12 महीने और 6 ऋतुएँ होती हैं। दो-दो महीनों की एक ऋतु होती है। चैतबैसाख में वसंत, जेठ-असाढ में ग्रीष्म, सावन भादों में वर्षा, क्वार-कार्तिक में शरद, अगहनपूस में हेमंत तथा माघ-फागुन में शिशिर, यह छ: ऋतुओं का काल विभाग है। 


इन ऋतुओं में वसंत का ही अधिक सम्मान है। वसंत को इसीलिए ऋतुराज' कहते हैं। सचमुच ही यह ऋतुओं का राजा है। फागुन के साथ ही शिशिर ऋतु के दिन लद जाते हैं। पतझड के कारण सारी प्रकृति उदास दिखाई देती हैं। वसंत के आगमन से प्रकृति में फिर से मानो नई जान आती है। 


सब वृक्ष-लताओं में नई कोपलें दिखाई देने लगती है। नए पत्ते और फूलों से पेड-पौधे भर जाते हैं। चारों ओर रंगबिरंगे फूल ही फूल दिखाई देते हैं। आम के पेड मंजिरीयों से भर जाते हैं। वन-उपवन सुगंधित हो जाते हैं। सुगंधित फूलों पर भौरें गुंजार करते हुए कर्णप्रिय मधुर गाना गाते हैं। 


कोयल की कुह-कुह ध्वनि तो ऐसे लगती है, मानो सारा संसार पंचम स्वर में गा रहा हो।वसंत का वातावरण बहुत ही आनंददायक तथा सुहावना रहता है। प्रकृति की अनोखी बहार देखकर बच्चे-बूढे, पशु-पक्षी सभी आनंदविभोर हो जाते हैं। 


दक्षिण से उत्तर दिशा की ओर बहनेवाली वायु में एक विशेष प्रकार की शीतलता, मोहकता तथा सुरभि होने से इस ऋतु में सारी जड-चेतन प्रकृति अपने अंदर एक विशेष प्रकार की मादकता और खुशी का अनुभव करती है। सर्वत्र प्रकाश, नवीनता, नया जोश, नया उत्साह, नई उमंगे, नव स्फूर्ति का माहौल रहता है। इन्हीं सब विशेषताओं के कारण सभी भाषा के कवियों ने ऋतुराज वसंत का विशेष रूप से वर्णन किया है। भगवान श्रीकृष्ण ने भी कहा है


'ऋतूनां कुसुमाकरः अर्थात मैं ऋतुओं में वसंत ऋतु हूँ।

वसंत ऋतु में प्रकृति में अनोखा रूप प्रकट होता है। हमारे बहुत सारे खुशी के त्यौहार भी इसी ऋतुओं में मनाये जाते हैं। होली, वसंतपंचमी, बैसाखी आदि त्यौहार और पर्व इसी ऋतु में संपन्न होते हैं। असह्य शीत से संत्रस्त मनुष्य को इस ऋतु में राहत मिलती है। 


इसीलिए हम सभी वसंत के आगमन की प्रतीक्षा में रहते हैं। प्राचीन आर्यों का सौर वर्ष' इस ऋतु में आरंभ होता है। चंद्र वर्ष का आरंभ भी इसी ऋतु में होता है। सभी जड-चेतन प्रकृति के लिए प्राणस्वरूप वसंत सचमुच ऋतुराज' है !दोस्तों ये निबंध आपको कैसा लगा ये कमेंट करके जरूर बताइए ।और आगे दिया हुआ दूसरा निबंध पढ़ना मत भूलियेगा धन्यवाद  ।


निबंध 2

 मेरी प्रिय ऋतु वसंत हिंदी निबंध | My Favourite Season Essay in Hindi


छह ऋतुओं में वसंतऋतु का रंग ही निराला है। शिशिर का अंत होते ही शीतऋतु विदा हो जाती है। ठंडी में ठिठुरी हुई प्रकृति एक बार फिर नई चेतना का अनुभव करने लगती है। शीत लहर का स्थान सुहावनी हवा ले लेती है।


वसंत के आगमन का असर पेड़-पौधों पर दिखाई देने लगता है।नई जिंदगी मुस्करा उठती है। कोपलों का उत्साह देखते ही बनता है। आम के पेड़ अपनी महकती मंजरियों द्वारा अपना उल्लास प्रकट करते हैं। वसंत फूलों की ऋतु है। इस ऋतु में फूल जी भरकर अपने रंगों की नुमाइश करते हैं। दसों दिशाओं में उनकी खुशबू फैल जाती है।


सरसों के पीले फूल लोगों को लुभाते हैं। खिले हुए कमलों से सरोवर की शोभा बढ़ जाती है। टेसू के लाल-लाल फूल देखने से मन ही नहीं भरता। जूही, चंपा, चमेली, केतकी, रातरानी आदि फूलों की सुगंध से वातावरण तर हो जाता है। भौरे फूलों का रस पीने के लिए मचल उठते हैं। तितलियाँ फूलों से मिलने के लिए बेताब हो जाती हैं। 


वसंत में सभी प्राणी आनंदित हो उठते हैं। ठंडी के कारण गुफाओं में रहनेवाले प्राणी बाहर निकलते हैं। हिरन कुलाँचे भरकर अपनी खुशी प्रकट करते हैं। अमराइयाँ कोयल की 'कुहू कुहू ' से गूंज उठती हैं। ___वसंतऋतु में मानवमन का तो कहना ही क्या ! वसंत के प्रफुल्लित वातावरण में लोग अपना आनंद प्रकट किए बिना नहीं रह पाते। 


गाँवों में ढोलक पर फाग गाने की होड़ लग जाती है। लोग गीत-संगीत की मस्ती में डूब जाते हैं। वसंत पंचमी को सरस्वती-पूजन होता है। फागुन की पूर्णिमा को होली रंगों का उत्सव लेकर आती है। लोग एक-दूसरे पर रंग डालते हैं। पिचकारियों में रंगीन पानी भरकर लोगों पर डाला जाता है। 


खेतों में रबी की लहलहाती फसलों को देखकर किसानों के दिल खुशी से झूम उठते हैं। वसंत कवियों और कलाकारों की प्रिय ऋतु है। इस ऋतु में उनकी कल्पना को उड़ने के लिए नए पंख मिल जाते हैं। इस प्रकार वसंत ऋतु हमारे समाज को नवजीवन की मस्ती दे जाती है। रंगों और गंधो का लुत्फ उठाने के लिए वसंतऋतु से अच्छी दूसरी कौन-सी ऋतु हो सकती है?


सचमुच, वसंत चेतना और सुंदरता की ऋतु है। यह आनंद और उमंग की ऋतु है। प्रकृति वसंत में नया सिंगार करती है। चारों ओर हँसती-मुस्कराती प्रकृति को देखकर मानवमन भी प्रसन्नता से नाच उठता है। वसंत हमारे हृदय को सबसे अधिक आनंद देनेवाली मधुर ऋतु है। ऋतुओं में सर्वश्रेष्ठ होने के कारण ही वसंत को 'ऋतुराज' कहा गया है।दोस्तों ये निबंध आपको कैसा लगा ये कमेंट करके जरूर बताइए ।