रानी लक्ष्मीबाई निबंध मराठी | Rani Lakshmi Bai Essay in Marathi

 

 रानी लक्ष्मीबाई निबंध मराठी | Rani Lakshmi Bai Essay in Marathi


नमस्कार  दोस्तों आज हम रानी लक्ष्मीबाई इस विषय पर हिंदी निबंध जानेंगे। भारत का इतिहास त्याग और बलिदानों से भरा पड़ा है। देश की मान-मर्यादा के लिए अनेक वीरों ने अपनी जान तक निछावर कर दी है। इनमें से झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई मुझे सबसे अधिक प्रिय हैं।


रानी लक्ष्मीबाई बिठूर के पेशवा बाजीराव के मंत्री मोरेश्वर की पुत्री थीं। पेशवा के पुत्र का नाम नाना साहब धोंडूपंत था। लक्ष्मीबाई की शिक्षा-दीक्षा नाना साहब के साथ ही हुई। वह तलवार, भाला जैसे हथियार चलाने और तेज घुड़सवारी करने में किसी से कम नहीं थीं।


लक्ष्मीबाई का विवाह झाँसी के राजा गंगाधरराव के साथ हुआ। वे एक पुत्र की माँ बनीं, पर वह जीवित न रहा। उसी के शोक में राजा गंगाधरराव चल बसे। संकट की उस घड़ी में लक्ष्मीबाई ने बहुत धीरज और साहस का परिचय दिया। उन्होंने बहुत कुशलता से झाँसी के शासन की बागडोर संभाली। उन्होंने दामोदरराव नामक एक बालक को गोद लिया।


उन दिनों हमारे देश पर अंग्रेजों का शासन था। अंग्रेज सरकार ने गोद लेने की प्रथा के विरुद्ध कानून पास कर दिया था। इसी कारण अंग्रेजों ने दामोदरराव को झाँसी का उत्तराधिकारी नहीं माना। अंग्रेजी शासन झाँसी का राज्य हड़पने की ताक में था। 


यह देखकर रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजी शासन के विरुद्ध बगावत कर दी। वे १८५७ के क्रांतिकारियों से मिल गईं।रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों का डटकर मुकाबला किया। उन्होंने क्रांतिकारी सेना का कुशल नेतृत्व किया। अंग्रेज सेनापति उनके रणकौशल को देखकर दंग रह गए। पर अंग्रेज सेना सशक्त थी। 


वह हर तरह से प्रशिक्षित थी। क्रांतिकारी अकुशल और असंगठित थे। अंत में तलवार का जौहर दिखाते हुए रानी लक्ष्मीबाई ने युद्ध-भूमि में ही वीरगति पाई। रानी लक्ष्मीबाई ' मर्दानी लक्ष्मी' के रूप में भारतीय इतिहास का अनमोल रत्न बन गईं। वे सचमुच स्वतंत्रता की देवी थीं। इस अमर वीरांगना को मेरा शत-शत प्रणाम। दोस्तों ये निबंध आपको कैसा लगा ये कमेंट करके जरूर बताइए ।