एस. टी. स्टैंड का दृश्य हिंदी निबंध | Scenes at Bus Stand Essay in Hindi
नमस्कार दोस्तों आज हम एस. टी. स्टैंड का दृश्य इस विषय पर हिंदी निबंध जानेंगे। मुझे अलीबाग जाना था। बस पकड़ने के लिए मैं एस. टी. स्टैंड पहुँचा। वहाँ का दृश्य बहुत मजेदार था।
एक बड़े मैदान के चारों ओर ऊँची दीवार बनाकर यह एस. टी. स्टैंड बनाया गया था। यहाँ से अलग-अलग स्थानों पर जानेवाली बसें आती-जाती थीं। अलग-अलग बसों के लिए अलग-अलग प्लेटफार्म बनाए गए थे। इसमें विभिन्न कार्यालय थे। सबसे पहले नियंत्रण कक्ष था। उसके पास ही ड्राइवरों और कंडक्टरों के लिए विश्रामगृह बना हुआ था।
एस. टी. स्टैंड में एक अच्छी-सी कैंटीन भी थी। वहाँ यात्री जलपान करते थे। कैंटीन के बाहर यात्रियों के बैठने के लिए एक विशाल प्रतीक्षा-गृह था। प्रतीक्षा-गृह में बहुत-सी बेंचें थीं। इन बेंचों पर बैठे लोग अपनी-अपनी बसों का इंतजार कर रहे थे। प्रतीक्षा-गृह में ठंडे पानी का कूलर लगा था। पास ही साफ-सुथरा शौचालय भी था।
एस. टी. स्टैंड में हर जगह यात्रियों की भारी भीड़ थी। कुछ यात्री बाहर से आनेवाली बसों से उतर रहे थे। कुछ लोग जानेवाली बसों की प्रतीक्षा कर रहे थे। जानेवाली बस रवाना होने से पंद्रह मिनट पहले ही प्लेटफार्म पर लग जाती थी।
बस आते ही उस बस से यात्रा करनेवाले यात्री कतार में खड़े हो जाते। कंडक्टर यात्रियों को बारी-बारी से टिकट देता जाता। यात्री टिकट लेकर अपना सामान बस की छत पर रखवाते। फिर अपनी-अपनी सीट पर बैठ जाते।कुछ कुली यात्रियों का सामान बस पर चढ़ाने-उतारने में व्यस्त थे। कुछ यात्री अखबार के स्टाल से अखबार और पत्रिकाएँ खरीद रहे थे।
कुछ भिखारी कटोरे लेकर भीख माँग रहे थे। सचमुच, एस. टी. बस स्टैंड की चहल-पहल का दृश्य देखने लायक था। अब मेरी बस प्लेटफार्म पर लग गई थी। मैं भी कतार में खड़ा हो गया। कंडक्टर से टिकट लिया और अपनी सीट पर बैठ गया।
सीटी बजते ही मेरी बस चल पड़ी। धीरे-धीरे एस. टी. बस स्टैंड पीछे छूटता गया। अब तो केवल उसके दृश्य ही आँखों के सामने घूम एस. टी. स्टैंड के बाहर मिठाई, फल, खिलौने आदि की दुकानें थीं। दोस्तों ये निबंध आपको कैसा लगा ये कमेंट करके जरूर बताइए ।