शहरों में बढ़ता प्रदूषण पर हिंदी निबंध | Shehron mein badhta pradushan hindi nibandh
नमस्कार दोस्तों आज हम शहरों में बढ़ता प्रदूषण इस विषय पर निबंध जानेंगे। प्रकृति ने हमारे लिए एक स्वस्थ एवं सुखद आवरण का निर्माण किया था परन्तु मनुष्य ने अपने क्षणिक भौतिक सुखों की होड़ में उसे दूषित कर दिया है।
वाहनों तथा कारखानों की चिमनियों से निकलते हुए रासायनिक गैस एवं शोर शराबे ने समूचे वातावरण को दूषित कर दिया है। अतः विभिन्न कारणों से वातावरण का दूषित होना ही प्रदषण कहलाता है। इस समय सारा विश्व ही प्रदूषण की समस्या का शिकार है।
देश के महानगरों में यह प्रदूषण बहुत तीव्रगति से बढ़ रहा है। औद्योगीकरण के कारण महानगरों में वायु, जल तथा ध्वनि प्रदूषण दिन-प्रति-दिन फैलता ही जा रहा है। वहाँ उद्योगों के संयंत्र बड़े पैमाने पर ऊर्जा तथा उष्णता पैदा करते हैं। इसी गर्मी से समस्त वातावरण में वायु प्रदूषण बढ़ता है।
महानगरों में वाहनों की बढ़ती हुई संख्या के कारण भी प्रदूषण की मात्रा में अत्यधिक वृद्धि हुई है। इन अनेक वाहनों से निकलता हुआ विषैला धुआँ नगरों को नरक में बदलता जा रहा है। वाहनों के कारण वायु प्रदूषण के साथ ध्वनि प्रदूषण भी फैलता जा रहा है।
इसके अतिरिक्त महानगरों में तीव्रगति से बढ़ती हुई जनसंख्या भी प्रदूषण का अन्य महत्त्वपूर्ण कारण है। चारों ओर धुएँ, घुटन तथा शोर ने लोगों का जीवन यातनाओं से भर दिया है। महानगरों में बढ़ते प्रदूषण के कारण वहाँ के निवासी अनेक मानसिक तथा शारीरिक रोगों के शिकार होते जा रहे हैं।
मनुष्यों का जीवन सुखी रहे तथा प्रकृति की सुन्दरता बनी रहे, हमें इसके लिए वैज्ञानिक औद्योगिक क्रान्ति पर अंकुश लगाना होगा। अधिक से अधिक वृक्ष लगाने तथा खाली पड़ी भूमि को हरा-भरा बनाने की भी आवश्यकता है। हमारी सरकार ने इस दिशा में अपना प्रयास तेज कर दिया है। दोस्तों ये निबंध आपको कैसा लगा ये कमेंट करके जरूर बताइए ।