बाजार में एक घंटा पर निबंध | Write an Essay on one hour in Market in Hindi
नमस्कार दोस्तों आज हम बाजार में एक घंटा इस विषय पर हिंदी निबंध जानेंगे। सार्वजनिक स्थानों में बाजार का महत्त्वपूर्ण स्थान है। हम अपनी जरूरत की बहुत-सी चीजें बाजार से ही खरीदते हैं, इसलिए बाजार का हमारे जीवन से गहरा संबंध है।
पिछले शनिवार एक मित्र को कुछ मिठाइयाँ खरीदनी थीं। मैं भी उसके साथ बाजार गया। उस समय शाम के पाँच बज रहे थे।
बाजार में रास्ते के दोनों ओर दुकानें थीं। वहाँ सब्जियों की दुकानों पर बहुत भीड़ थी। लोग सब्जियाँ खरीदते-खरीदते उनके महँगे दामों के बारे में शिकायत कर रहे थे। फलवाले टोकरियों में फल सजाए बैठे थे।
किराने की दुकान से लोग अपनी जरूरत की चीजें खरीद रहे थे। कपड़े की दुकानों की सजावट देखने लायक थी। तरह-तरह के रंगों और डिजाइनोंवाले कपड़े बिजली की रोशनी में चमक रहे थे। तैयार कपड़ों की दुकानों में अधिक भीड़ थी। कोई सिली हुई कमीजें खरीद रहा था तो कोई कुरता-पायजामा। कुछ स्त्रियाँ दुकानों पर साड़ियाँ पसंद कर रही थीं। बच्चों के कपड़े अधिक खरीदे जा रहे थे।
मिठाइयों की दुकानों के सामने बेंचें पड़ी थीं। उन पर बैठे लोग गुलाबजामुन, गरम समोसे, आलू बड़े और कचौड़ियों का स्वाद ले रहे थे। कुछ दूरी पर खोमचेवाले भी खड़े थे। कोई चाट, कोई रगड़ा-पेटिस तो कोई भेलपूरी बेच रहा था। आइसक्रीम और कुल्फीवाले लोगों का ध्यान खींच रहे थे।
उसी समय बाजार में हो-हल्ला मच गया। एक आदमी एक महिला के गले की चेन खींचकर भाग रहा था। महिला के चिल्लाने पर लोगों ने चोर को पकड़ लिया। चोर की अच्छी पिटाई करने के बाद उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया।
मित्र ने मिठाई की दुकान से पेड़े और लड्डू खरीदे। हमने वहाँ थोड़ा नाश्ता किया और घर चल पड़े। उस समय घड़ी छ: बजा रही थी। हमें पता ही न चला कि बाजार में एक घंटा कैसे बीत गया! दोस्तों ये निबंध आपको कैसा लगा ये कमेंट करके जरूर बताइए ।