यदि समाचार पत्र न होते तो निबंध हिंदी | yadi samacharpatra na hote essay in hindi

 

 यदि समाचार पत्र न होते तो निबंध हिंदी | yadi samacharpatra na hote essay in hindi


नमस्कार दोस्तों आज हम  यदि समाचार पत्र न होते इस विषय पर निबंध जानेंगे। अखबार या समाचार पत्र आज मनुष्य के दैनिक जीवन का एक आवश्यक अंग बन गया है। सुबह चाय के साथ पढने के लिए हमें अखबार की जरूरत रहती है। 


अखबार ही हमें दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने में सहायक हो रहे हैं। अखबारों में संपूर्ण समाज का प्रतिबिंब देखा जा सकता है। समाचार पत्र केवल देश-विदेश की खबरें ही नहीं, एक विचारदृष्टिकोण भी देता है। देश या समाज की उन्नति में अखबारों का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। यदि समाचार पत्र न होते तो समाज तथा देशोन्नति का कार्य बहुत मंद गति से चलता।


आज के आधुनिक युग में विचारों का खुराक अखबारों से ही मिलता है। देश-विदेश की खबरें जानने का अखबार एक सस्ता और सरल साधन है। समचारों के साथ-साथ नए विचार भी अखबार प्रस्तुत करता है। बहुत से लोग मनोरंजन के लिए समाचार पत्र पढते हैं। 


परंतु केवल मनोरंजन ही अखबारों का प्रमुख उद्देश्य या कार्य नहीं है। मनोरंजन के अलावा अन्य अनेक रूपों में अखबार हमें सहायता देते हैं। अखबार सिर्फ खबरें देने का ही काम नहीं करता। लोगों में जाग्रति निर्माण करने का काम भी अखबार करते हैं। 


अन्याय के खिलाफ लोगों में चेतना पैदा करना तथा शासन पर दबाव डालना यह काम भी अखबार ही करते हैं। शासन के दमनकारी नीति के खिलाफ अभियान चलाकर शासन को जनता के हित में निर्णय लेने के लिए प्रेरित करने में अखबार ही अहम् भूमिका निभाते हैं। यदि अखबार न होते तो वैचारिक जाग्रति का यह काम कैसे हो पाता?

समाचार-पत्र प्रजातंत्र-शासन पद्धती की एक बहुत बड़ी आधारशीला है। शासन और जनता के बीच की एक उत्तम कडी अखबार है। लोकमत तैयार करने में अखबारों के अलावा दूसरा कोई प्रभावी साधन ही नजर नहीं आता। सरकार चलाने के लिए लोकमत तैयार करने की नितांत जरूरत होती है। 


इस काम के लिए अखबार जैसा दूसरा कोई प्रभावी साधन नहीं हैं। सरकार तथा जनता को जोड़ने का काम समाचार-पत्र करते हैं। यदि समाचार-पत्र न होते तो जनमत तैयार करने में बहुत बड़ी दिक्कते आती।


अखबारों द्वारा हमें अनेक विषयों की जानकारी घर बैठे आसानी से मिलती है। इससे हमारी ज्ञानवृद्धि होती है। साहित्य, कला, खेल, व्यापार, विज्ञान, सभा-संमेलन, यात्रा, व्यवसाय, शिक्षा आदि विषयों की जानकारी अखबारों के जरिए ही हमें मिलती है।


यदि समाचार पत्र न होते तो मनुष्य की स्थिति कूपमंडुक-सी होती। बाहर की दुनिया तथा ज्ञानविज्ञान की अपार निधि से वह अपरिचित ही रहता। अखबारों में रोज अनेक विज्ञापन भी छपते हैं। विविध व्यवसाय वाले लोग अखबारों में अपने उत्पादनों का विज्ञापन देते हैं। इससे उनकी वस्तुओं की खपत में वृद्धि होती हैं। 


समाचार पत्रों के अलावा व्यावसायियों का काम ही नहीं चल सकता। छोटे-बडे व्यापारियों को बाजारभावों की जानकारी अखबारों के जरिए ही होती है। अतएव आज के जमाने में अखबार हर एक मनुष्य की एक अनिवार्य आवश्यकता बन गई है।

स्वाधीनता पूर्व काल में अखबारों ने हमारे देश में अभूतपूर्व काम किया है। भारतीय जनता में अंग्रेजो के विरुद्ध असंतोष की भावना निर्माण कर, उनमें एकता की भावना जगाने का ऐतिहासिक कार्य अखबारों ने किया है।

अखबारों के अभाव में इस जनआंदोलन को कभी सफलता नहीं मिलती। यदि समाचार-पत्र न होते तो भारत के लिए आजादी का सपना केवल स्वप्न बनकर ही रह जाता। इसीलिए किसी ने ठीक ही कहा है. दोस्तों ये निबंध आपको कैसा लगा ये कमेंट करके जरूर बताइए ।