यदि वर्षा न होती तो पर निबंध | Yadi varsha na hoti essay in hindi

 

यदि वर्षा न होती तो पर निबंध | Yadi varsha na hoti essay in hindi

नमस्कार  दोस्तों आज हम  यदि वर्षा न होती तो  इस विषय पर निबंध जानेंगे। जीवन में जल का बहुत महत्त्व है। यहाँ तक कि जल को ही 'जीवन' कहा जाता है। जल हमें वर्षा से ही मिलता है। इसलिए वर्षा हमारे जीवन का आधार है।


प्रति वर्ष समय पर वर्षा का आगमन सबको आनंदित कर देता है। दुर्भाग्य से यदि किसी वर्ष बिलकुल वर्षा न हुई तो जीवन का सारा संतुलन बिगड़ जाएगा। वर्षा के अभाव में सूरज की किरणें आग बरसाती रहेंगी। तेज़ ताप से झुलसकर प्रकृति अपना सारा शृंगार खो बरगी। 


हरीभरी घास देखने के लिए आँखें तरस जाएँगी। पत्ते सूख जाने से पेड केवल लँठ बनकर रह जाएँगे। सावन तो आएगा, पर उसमें बहार नहीं होगी। पेड़ों पर झूले नहीं पड़ेंगे। लोगों में कजली और मल्हार गाने की उमंग ही नहीं रहेगी।


जीने के लिए पानी जरूरी है। इसलिए वर्षा न हुई तो प्राणी बेहाल हो जाएँगे। शीतल फुहारों से मिलनेवाली राहत से हम वंचित रहेंगे। प्यास से छटपटाते जीवों का जीवन संकट में पड़ जाएगा। घास और पत्ते न मिलने पर शाकाहारी प्राणियों का बुरा हाल हो जाएगा। 


सूने-सूखे बागों में मोर को नाचने का मन नहीं होगा। आम के पेड़ों पर कोयल और पपीहे के मधुर स्वर नहीं गूंजेंगे। वनों में रहनेवाले पशु-पक्षी पानी के लिए यहाँ-वहाँ भटकेंगे। तालाबों में पानी सूख जाने पर उनमें रहनेवाली मछलियाँ मर जाएँगी।


वर्षा न हुई तो किसानों पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ेगा। अच्छी फसल होने की उनकी उम्मीदों पर पानी फिर जाएगा। खरीफ की फसल पूरी तरह बरबाद हो जाएगी। गरीब किसानों के घर खाने के लाले पड़ जाएँगे। कर्ज लेकर बीज-खाद खरीदनेवाले किसानों की चिंता की कोई सीमा नहीं होगी।


वर्षा न हुई तो पेय जल की समस्या गंभीर रूप ले लेगी। कुएँ सूख जाएँगे या उनमें जल-स्तर बहुत नीचे चला जाएगा। गाँववालों को पर्याप्त पानी मिलना कठिन हो जाएगा। राजस्थान जैसे मरुस्थली प्रदेश में पानी दूर-दूर से लाना पड़ेगा। शहरों में जल-पूर्ति में कटौती कर दी जाएगी। 


नल जगह-जगह होंगे, पर उनमें पानी नहीं होगा। पनघटों और नलों पर पानी के लिए लड़ाई-झगड़े होंगे। पानी के लिए खून बहाया जाएगा! जल के अभाववाले क्षेत्रों में सरकार को ट्रेनों और टैंकरों द्वारा पानी पहुँचाना पड़ेगा। ___ वर्षा न होने पर खाने-पीने की चीजें महँगी हो जाएँगी। 


अनाज, दालों, सब्जियों के दाम बढ़ जाएँगे। दूध, घी के मूल्य में भी बढ़ोतरी हो जाएगी। फलों की कीमतें आसमान छूने लगेंगी। होटलों में जाकर खाना सबके वश की बात नहीं होगी। इस प्रकार वर्षा न होने पर जीवन को अकाल की भीषण छाया घेर लेगी। 


आम आदमी के लिए जीना मुश्किल हो जाएगा। नदियों में बाढ़ की समस्या तो न होगी, परंतु जीवन में अन्य समस्याओं की बाढ़ आ जाएगी। इसलिए हे वर्षे, तुम्हारे बादल हर साल समय पर आकाश में गड़गड़ाते रहें और हमें तुम्हारे स्वागत का अवसर मिलता रहे !दोस्तों ये निबंध आपको कैसा लगा ये कमेंट करके जरूर बताइए ।